Sunday 15 December 2013

तीन गायिकाओं का निराला संगम

अनोखी और दिलचस्प जानकारी [21] 
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Unusual Combination of Singers
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आज प्रस्तुत इस गाने की  विशेषता यह है कि इस गीत से तीन जानी-मानी गायिकाएँ जुडी हैं मगर तीनो की भूमिकायें अलग-अलग है ! फ़िल्म- गरम खून (1980) में गायिका शारदा जी ने गीत लिखा है और गायिका- अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित पर इसे फिल्माया गया है, स्वर देने वालीं कोई और नहीं लता मंगेशकर जी हैं और गीत भी बेहद भावपूर्ण और खूबसूरत बन पडा है ! ऐसा संगम पहले किसी और गाने में नहीं देखा ! आपको कोई जानकारी हो तो अवश्य हम से बाँटिएगा !

एक चेहरा दिल के करीब आता है
 ख्यालों को दूर दूर ले जाता है
Song - Ek Chehra Dil Ke Kareeb Aata Hai
Singer - Lata Mangeshkar
Movie - Garam Khoon [1980]
 
Music - Shankar Jaikishan
Lyricist - Sharda
Actress -  Sulakshna Pandit

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गायिका शारदा और सुलक्षणा  पंडित के बारे में 
हम यहाँ लिंक  १ &  पर  विस्तार से जानकारी दे चुके हैं 
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Saturday 14 December 2013

आठ वर्षीय मीना कुमारी का गाया गीत : हिन्दी सिनेमा के दुर्लभ गाने [16]


'ट्रैजेडी क्वीन' के नाम से मशहूर मीना कुमारी भारतीय हिन्दी सिनेमा की एक बहुत खूबसूरत और क़ाबिल अभिनेत्री थीं। उनका असली नाम माहजबीं बानो था। बंबई में पैदा हुई थीं, उनके पिता अली बक्श पारसी रंगमंच के एक मँजे हुये कलाकार थे और उन्होंने कुछ फिल्मों में संगीतकार का भी काम किया था। टैगोर परिवार से ताल्लुक रखने वाली उनकी माँ प्रभावती देवी (इकबाल बानो), भी एक मशहूर नृत्यांगना और अभिनेत्री थीं । इस तरह फ़िल्मी दुनिया उनके लिए कभी नयी नहीं थी।

अभिनेत्री के रूप में उन्हें कौन नहीं जानता 
लेकिन उनके गीतों के बारे में आप कितना जानते हैं ?

मीना का जन्म 1932 में हुआ था, उन्हें बाल कलाकार के रूप में अभिनय और गाना गाने का पहला अवसर फिल्म 'बहन' में मिला, जो 1941 में रिलीज़ हुई थी !

इस वीडिओ क्लिप में आठ वर्षीय नन्हीं मीना को अभिनय करते व गाते हुए देखिये -

Movie --- Bahen
Singer --- Meena Kumari 
Lyrics --- Safdar Aah Sitapuri
Music --- Anil Biswas
Year --- 1941


[मीना कुमारी के गाये अन्य दुर्लभ गीत भी हम अगली किसी पोस्ट में  सुनाएँगे]
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Friday 13 December 2013

छोटी सी दुनिया मोहब्बत की है मेरे पास : [Copied or Inspired Song - 20]

Copied or Inspired By Other Song [20]
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1992 में 'विजय सदाना' निर्देशित फ़िल्म- 'एक लड़का एक लड़की' प्रदर्शित हुयी थी, जिसमें एक गाना- 'छोटी सी दुनिया मोहब्बत की है मेरे पास' बहुत हिट हुआ था ! इस गीत को 'आनंद-मिलिंद' के संगीत निर्देशन में 'उदित नारायण' और 'साधना सरगम' ने गाया था ! क्या आपको मालुम है कि दरअसल ये गाना पाकिस्तान में 1980 में प्रदर्शित फ़िल्म- 'बंदिश' के एक गाने से कॉपी किया गया था ! इस गाने को 'रॉबिन गोश' के संगीत निर्देशन में 'एख़लाक़ अहमद' ने गाया था ! आईये आज 'ओरिजिनल' और 'कॉपी' हुए दोनों गानों को सुनते हैं :
[Original Song]
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सोना न चांदी न कोई महल
जानेमन तुझको मैं न दे सकूंगा 
Sona Na Chandi Na Koi Mahal
Jaaneman Tujhko Main De Sakunga

Singer : Akhlaq Ahmed 
Pakistani Movie : Bandish (1980)
Music : Robin Gosh 
Actors : Shabnum and Nadeem
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[Copied / Inspired Song]
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छोटी सी दुनिया मोहब्बत की है मेरे पास और तो कुछ नहीं है
लेकिन ये दावा है मेरा चाहत का ऐसा बसेरा सारे जहां में नहीं है 
Chhoti Si Duniya Mohabbat Ki Hai Mere Paas 
Aur To Kuchh Nahin Hai
Lekin Ye Dava Hai Mera Chahat Ka Aisa Basera 
Saare Jahan Men Nahin Hai

Singers : Udit Narayan, Sadhana Sargam
Movie : Ek Ladka Ek Ladki (1992)
Music : Anand-Milind
Starring : Salman Khan, Neelam Kothari
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End
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Thursday 12 December 2013

खय्याम साहेब ने फ़िल्म में स्वयं ग़ज़ल गायी थी : हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने [15]


हिंदी फिल्म जगत में खय्याम साहब का अपना एक अहम् मुकाम है, वे एक बहुत ही उम्दा संगीतकार हैं ! हिंदी फिल्म संगीत के शौक़ीन यह भी जानते हैं होंगे कि गायिका जगजीत कौर उनकी पत्नी हैं !

क्या आप जानते हैं कि खय्याम साहेब ने एक फ़िल्म में ग़ज़ल भी गायी थी ?

आईये आज आपको फैज़ अहमद फैज़ की लिखी एक बेहद खूबसूरत ग़ज़ल को खय्याम साहब के संगीत  निर्देशन में संगीतबद्ध उनकी ही आवाज़ में सुनवाते हैं, जिसे फिल्म अंजुमन (1986) के लिए रिकॉर्ड किया गया था, हालांकि ये फिल्म कभी रिलीज़ नहीं हो पायी ! इस ग़ज़ल में स्वर स्वयं खय्याम साहब और उनकी पत्नी गायिक जगजीत कौर के हैं !
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कब याद में तेरा साथ नहीं, कब हाथ में तेरा हाथ नहीं
सद शुक्र के अपनी रातों में, अब हिज्र की कोई रात नहीं
Kab Yaad Mein Tera Saath Nahin, Kab Haath Men Tera Haath Nahin
Sad-Shuqra Ke Apni Raaton Maen, Ab Hizra Kee Koyi Raat Nahin

Singer : Khaiyyam and Jagjit Kaur
Movie : Anjuman(1986) [Unreleased]
Music : Khaiyyam
Poet : Faiz Ahmed Faiz
Film Director : Muzaffar Ali
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Wednesday 11 December 2013

मैं सेहरा बाँध के आउंगा, मेरा वादा है : [Copied or Inspired Song - 19]

Copied or Inspired By Other Song [19]
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1990 में 'नागेश्वर राव' निर्देशित और आमिर खान एवं माधुरी दीक्षित अभिनीत फ़िल्म- 'दीवाना मुझ सा नहीं' प्रदर्शित हुयी थी, जिसमें एक गाना- 'मैं सेहरा बाँध के आउंगा मेरा वादा है' बहुत पापुलर हुआ था ! इस गीत को 'आनंद-मिलिंद' के संगीत निर्देशन में 'उदित नारायण' ने गाया था ! 

क्या आपको मालुम है कि दरअसल ये गाना पाकिस्तान में 1986 में प्रदर्शित फ़िल्म- 'बेक़रार' के एक गाने से कॉपी किया गया था ! इस गाने को 'एम अशरफ' के संगीत निर्देशन में 'अनवर रफ़ी' ने गाया था ! आईये आज 'ओरिजिनल' और 'कॉपी' हुए दोनों गानों को सुनते हैं :
[Original Song] 
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मेरी वफ़ा मेरे वादे पे ऐतबार करो
मिलन करीब है थोडा सा इंतज़ार करो
Meri Wafa Mere Waade Pe Aitbaar Karo
Milan Kareeb Hai Thoda Sa Intzaar Karo

Singer : Anwar Rafi
Pakistani Film : Be Qarar (1986)
Music : M.Ashraf
Cast : Faisal, Sheri Malik
Film Director : Hasan Askari 
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[Copied / Inspired Song]
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मैं सेहरा बाँध के आउंगा, मेरा वादा है
मैं तेरी मांग सजाऊंगा मेरा वादा है  
Main Sehra Bandh Ke Aaunga Mera Vaada Hai 
Main Teri Maang Sajaaunga Mera Vaada Hai 

Singer : Udit Narayan
Film : Deewana Mujh Sa Nahin (1990)
Music : Anand-Milind
Cast : Aamir khan and Mudhuri Dixit
Film Director : Y.Nageshwar Rao
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End
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Tuesday 10 December 2013

हम भूल गए रे हर बात मगर तेरा प्यार नहीं भूले : [Copied or Inspired Song - 18]

Copied or Inspired By Other Song [18]
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1989 में रेखा, जितेन्द्र एवं जया प्रदा अभिनीत और 'सावन कुमार' निर्देशित फ़िल्म- 'सौतन की बेटी' प्रदर्शित हुयी थी, जिसमें एक गाना- 'हम भूल गए रे हर बात मगर तेरा प्यार नहीं भूले' सुपर हिट हुआ था ! इस गीत को 'वेदपाल' के संगीत निर्देशन में 'लता मंगेशकर' ने गाया था ! क्या आपको मालुम है कि दरअसल ये गाना पाकिस्तान में 1960 में प्रदर्शित फ़िल्म- 'सहेली' के एक गाने से हूबहू कॉपी किया गया था ! इस गाने को 'ए हमीद' के संगीत निर्देशन में गायिका 'नसीम' ने गाया था ! आईये आज 'ओरिजिनल' और 'कॉपी' हुए दोनों गानों को सुनते हैं :

[Original Song]
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हम भूल गए रे हर बात मगर तेरा प्यार नहीं भूले 
क्या क्या हुआ दिल के साथ मगर तेरा प्यार नहीं भूले 
Ham Bhool Gaye Re Har Baat Magar Tera Pyar Nahin Bhoole,
Kya Kya Huaa Dil Ke Saath Magar Tera Pyaar Nahin Bhoole.

Singer : Naseem 
Music : A. Hameed 
Lyricist : Fayyaz Hashmi
Pakistani Film : Saheli (1960)
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[Copied / Inspired Song]
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- गाने का मुखड़ा भी हुबहू कॉपी है! -
हम भूल गए रे हर बात मगर तेरा प्यार नहीं भूले 
क्या क्या हुआ दिल के साथ मगर तेरा प्यार नहीं भूले 
ham bhuul gaye re har baat magar tera pyar nahin bhule,
kya kya hua dil ke saath magar tera pyar nahin bhule.

Film : Sautan Ki Beti (1989)
Singer : Lata Mangeshkar 
Music : Vedpal 
Lyricist : Saavan Kumar 
Actress : Rekha 

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End
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Monday 9 December 2013

गायिका जगजीत कौर : (गायकों का पहला / आखिरी गाना- 11)

Jagjit Kaur : First / Last Song 
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हिंदी फिल्म जगत की पर्श्गायिका जगजीत कौर को कौन नहीं जानता ? पंजाबी जमींदार परिवार में जन्मी जगजीत 1948-49 में बम्बई आ गयीं थीं ! उन्होंने भले ही बहुत कम गाने गाये हैं परन्तु उनकी आवाज़ वह छाप छोड़ चुकी है की उन्हें हमेशा याद किया जाएगा, ऐसा मेरा मानना है ! उनकी आवाज़ में पंजाब की मिटटी की सौंधी खुश्बू है, जिसपर फ़िदा होकर खय्याम साहब ने उन्हें अपना दिल दे दिया और वे परिणय सूत्र में बंध गए !

गायिका जगजीत कौर जी के कई गाने बहुत लोकप्रिय हुए : 'तुम अपना रंजोगम अपनी परेशानी मुझे दे दो' - (फ़िल्म शगुन), 'चले आओ संईया रंगीले मैं वारी रे' - (फ़िल्म बाजार), 'काहे को ब्याही बिदेस' - (फ़िल्म उमराव जान), 'साडा चिड़िया दा चम्बा ये' - (फ़िल्म कभी कभी) !

जब जगजीत कौर फिल्म जगत में आयीं तो उस समय कृष्णा काले, मीनू पुरुषोत्तम, कमल बारोट, मीना कपूर और उषा मंगेशकर भी अपनी जगह बनाने में प्रयासरत थीं ! उन दिनों लता मंगेशकर जी इस तरह से छायी हुई थीं कि जगजीत कौर जी की आवाज़ में फ़िल्म 'लाहौर' (1949) के कुछ गानों और फ़िल्म 'जाल' (1952) के गीत "ये रात ये चांदनी फिर कहाँ'' की रिहर्सल  सब करवाने के बाद भी अंतिम रिकॉर्डिंग लता जी की आवाज़  में हुई ! उन्हें पहला गाना 1953 की फिल्म - 'दिले नादाँ' में मिला !

- पहला गीत [First Song] -
खामोश ज़िन्दगी को अफ़साना मिल गया 
Kahmosh Zindagi Ko Afsana Mil Gayaa 

Singer : Jagjit Kaur
Film : Dil-e-Nadan (1953)
Music : Ghulam Mohammad
Lyricist : Shakeel Badayuni 
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- आखिरी सोलो  गीत [Last Solo Song] -
देख लो आज हमको जी भर के 
Dekh Lo Aaj Humko Jee Bhar Ke 

Singer : Jagjit Kaur
Film : Bazaar (1982)
Music : Khayyam
Lyrics : Mirza Shauq
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जगजीत कौर जी ने आखिरी गीत फिल्म- लोरी (1984) के लिए गाया ! 
'गुडिया चिड़िया चाँद चकोरी' गाने को उन्होंने आशा भोसले, और पामेला के साथ गाया ! 
इस फिल्म में खय्याम के साथ वे सहायक संगीत निर्देशक थीं !
Movie : Lorie (1984)
Music Director : Khayyam
Singers : Asha Bhosle, Jagjit Kaur, Pamela Chopra
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Sunday 8 December 2013

किसी मेहरबां ने आके मेरी ज़िन्दगी सजा दी : [Copied or Inspired Song - 17]

Copied or Inspired By Other Song [17]
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1992 में धर्मेन्द्र, राज बब्बर, अमृता सिंहप्रतिभा सिन्हा अभिनीत और 'रवि चोपड़ा' निर्देशित फ़िल्म- 'कल की आवाज़' प्रदर्शित हुयी थी, जिसमें एक गाना- 'किसी मेहरबाँ ने आके मेरी ज़िन्दगी सजा दी' सुपर हिट हुआ था ! गीतकार 'समीर' के लिखे इस गीत को 'नदीम-श्रवण' के संगीत निर्देशन में 'आशा भोसले' और 'कुमार सानू' ने बहुत खूबसूरती से गाया था ! 

क्या आपको मालुम है कि दरअसल ये गाना पाकिस्तान में 1974 में प्रदर्शित फ़िल्म- 'शमा' के एक गाने से हूबहू कॉपी किया गया था ! इस गाने को 'एम अशरफ' के संगीत निर्देशन में गायिका 'नाहिद अख्तर' ने गाया था ! आईये आज 'ओरिजिनल' और 'कॉपी' हुए दोनों गानों को सुनते हैं :
[Original Song]
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किसी मेहरबां ने आके मेरी ज़िन्दगी सजा दी
मेरे दिल की धड़कनों में नई आरज़ू जगा दी
Kisi Meharban Ne Aakar Meri Zindagi Saja Di
Mere Dil Ki Dhadkano Men Nai Aarzu Jaga Di

Singer : Nahid Akhtar
Pakistani Film : Shama (1974)
Music : M.Ashraf
Lyrics : Tasleem fazli
Actress : Zeba
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[Copied / Inspired Song]
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- गाना -
किसी मेहरबां ने आके मेरी ज़िन्दगी सजा दी
Movie : Kal Ki Awaz (1992)
Singers : Asha Bhosle, Kumar Sanu
Music : Nadeem Shravan
Lyricist : Sameer


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End 
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Saturday 7 December 2013

हिन्दी फिल्मों का सबसे लंबा गाना

अनोखी और दिलचस्प जानकारी [20]
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Longest Hindi Film Song 
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"अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों …" गाना हिन्दी फिल्मों का सबसे लंबा गीत है ! इस गाने की अवधि 'बीस मिनट' है, जो कि फ़िल्म के अंदर तीन चरणों में फिल्माया गया है ! गीतकार समीर के लिखे एवं अनु मालिक के संगीत निर्देशन में इस गाने को अलका याग्निक, सोनू निगम, उदित नारायण और कैलाश खेर ने गाया !

Song - Ab Tumhare Hawale Watan Sathiyo
Movie - Ab Tumhare Hawale Watan Sathiyo
Singer - Alka Yagnik, Kailash Kher, Sonu Nigam, Udit Narayan

Artist - Amitabh Bachchan, Akshay Kumar, Boby Deol, Nagma
Lyricist - Sameer
Music - Anu Malik
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गौरतलब है कि "अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों" गाने को 
"लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स" में भी दर्ज़ किया गया है :
http://www.limcabookofrecords.in/recorddetails.aspx?recid=145 
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Friday 6 December 2013

हिंदी फिल्मों में पार्श्वगायन के रूप में पहला गाना : हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने - 14

First Use of Playback Singing in Indian Films
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हिंदी फिल्मों में पार्श्वगायन (Playback Singing) 1935 में शुरू हुआ, जब ऐसे कलाकारों ने प्रवेश किया जो अभिनय तो नहीं करते थे, लेकिन गायन करते थे ! इनमें शमशाद बेगम, जुथिका रॉय, गीता रॉय [दत्त], पारुल घोष आदि गायिकाएँ थीं !

[First use of playback singing in Indian films were in films directed by Nitin Bose in 1935 : first in 'Bhagya Chakra', a Bengali film and later in the same year, in its Hindi remake 'Dhoop Chhaon'.]

नितिन बोस की फिल्म 'धूप -छाँव' के इस गाने को 
पार्श्व गायन की शुरुआत का श्रेय जाता है :
प्रेम की नैय्या चली जल में मोरी
Prem ki naiyya chali jal mein mori

Film : Dhoop Chhaaon (1935)
Singers : Pahadi Sanyal and Uma Shashi
Music Composer : RC Boral
Lyrics : Pt Sudarshan
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Thursday 5 December 2013

तुम्हे अपना बनाने की कसम खायी है : Copied or Inspired Song - 16]

Copied or Inspired By Other Song [16]
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1991 में संजय दत्त, पूजा भट्ट, दीपक तिजोरी और सदाशिव अमरापुरकर अभिनीत और 'रवि चोपड़ा' निर्देशित सुपर हिट फ़िल्म- 'सड़क' प्रदर्शित हुयी थी, जिसमें एक गाना- 'तुम्हे अपना बनाने की कसम खायी है, खायी है' बहुत ही लोकप्रिय हुआ था ! गीतकार 'समीर' के लिखे इस गीत को 'नदीम-श्रवण' के संगीत निर्देशन में 'अनुराधा पौडवाल' और 'कुमार सानू' ने गाया था ! 

क्या आपको मालुम है कि दरअसल इस गाने की धुन को पाकिस्तान की फ़िल्म अभिनेत्री मुसर्रत नज़ीर के गाये एक गाने- 'चले तो कट ही जाएगा सफ़र आहिस्ता-आहिस्ता' से कॉपी किया गया था ! यह गाना मुसर्रत नज़ीर ने 80 के दशक में पाकिस्तान टीवी के लिए गाया था ! इस गाने के गीतकार थे - 'मुस्तफा ज़ैदी, और संगीत निर्देशक थे - खलील अहमद ! आईये आज 'ओरिजिनल' और 'कॉपी' हुए दोनों गानों को सुनते हैं :
[Original Song]
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चले तो कट ही जाएगा सफ़र आहिस्ता, आहिस्ता
हम उसके पास जाते थे मगर आहिस्ता, आहिस्ता
Chale To Kat Hi Jayega Safar Aahista, Aahista
Ham Uske Pas Jate The Magar Aahista, Aahista

[This is a Beautiful Poetry by Mustafa Zaidi that was Sung by Pakistani Film Actress Musarrat Nazir for Pakistan Television during the early 80’s]
गायिका - मुसर्रत नज़ीर
संगीत - खलील अहमद  
गीतकार - मुस्तफा ज़ैदी
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[Copied / Inspired Song]
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- गाना -
तुम्हे अपना बनाने की कसम खायी है, खायी है
तेरी आँखों में चाहत ही नजर आयी है, आयी है
Tumhe Apna Banane Ki Kasam Khayi Hai, Khayi Hai
Teri Aankho Me Chaahat Hi Najar Aayi Hai, Aayi Hai
फ़िल्म - सड़क (1991)
गायक - कुमार सानू, अनुराधा पौडवाल
संगीत - नदीम श्रवण
गीतकार - समीर
कलाकार - संजय दत्त, पूजा भट्ट

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End
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Wednesday 4 December 2013

गायिका शारदा - [गुमनाम गायक/गायिका - 8]

गुमनाम गायक/गायिका - [8] 
गायकों का पहला / आखिरी गाना - [10] 
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Singer Sharda
आज जानते हैं हिंदी फिल्मों के 60वें दशक की मशहूर पार्श्व गायिका शारदा के बारे में जिन्होंने अपनी विशेष छाप छोड़ी और फिर फ़िल्मी दुनिया से गायब हो गयीं।

गायिका शारदा जी (पूरा नाम शारदा राजन आयंगर) का जन्म दक्षिण भारत में हुआ और फिर वहाँ से ये मुम्बई गयीं और बाद में अपने परिवार के साथ तेहरान चली गयीं। वहीँ राज कपूर से उनकी मुलाकात हुई। तमिल भाषी होने के बावजूद उन्हें हिंदी गीतों में अधिक रूचि थी। वे हिंदी फिल्मों के बारे में अपनी चचेरी बहन (जो उत्तर भारत में रहती थीं) से बहुत सुना करती थी नूरजहाँ के गीत सुनने को वे चाय  या पान की दूकान पर भी रुक जाया करतीं। हिंदी बोलना नहीं आता था परन्तु मुम्बई शिफ्ट होने के बाद हिंदी बोलना सीखा। उनकी माता जी को कर्णाटक संगीत का ज्ञान था परन्तु उन्होंने मुम्बई में ही संगीत की शिक्षा ली

राज कपूर ने उन्हें तेहरान में एक पार्टी में गाते सुना तो उन्हें मुम्बई आने का निमन्त्रण दे डाला। मुम्बई [पहुँच कर उन्होंने आर के स्टूडियो में अपना ऑडिशन दिया, जिसमें उन्होंने बरसात फिल्म का गाना "मुझे किसी से प्यार  हो गया" और "बिछुड़े हुए परदेसी" सुनायाऑडिशन में उन्हें सुनने वालों में राज जी के अलवा उनकी पत्नी कृष्णा जी और रणधीर और ऋषि कपूर भी थेयहीं से शारदा जी के लिए फिल्मी दुनिया के दरवाज़े खुल गए

राज जी ने उन्हें शंकर जयकिशन के पास भेजा जहाँ उन्हें पार्श्व गायन के लिए प्रशिक्षित किया जाने लगा उनका पहला गाना फिल्म सूरज [1966] में  "तितली उडी" था जिस के लिए उन्हें फिल्मफेयर का विशेष अवार्ड भी मिला क्योंकि रफ़ी साहब के नॉमिनेटेड गीत 'बहारों फूल बरसाओ' के बराबर वोट मिले थे

फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका का अवार्ड उन्हें 1970 में फिल्म- ''जहाँ प्यार मिले'' के गीत 'बात ज़रा..' के लिए मिला। शारदा जी को फिल्मों में अभिनय के ऑफर  भी मिले परन्तु उन्होंने गायन को ही अपना क्षेत्र चुना। शारदा जी के चाहने वाले और आलोचक लगभग बराबर ही अगर कहा जाये तो अतिश्योक्ति न होगी। अपने फ़िल्मी सफ़र को वे सफल मानती हैं

उन्होंने ‘ग़रीबी हटाओ’, ‘मंदिर मस्जिद’, ‘मैला आँचल’, ‘तू मेरी मैं तेरा’, ‘क्षितिज’ आदि फिल्मों में  संगीत निर्देशन भी दिया है उनके संगीत निर्देशन में आशा, मुकेश, रफ़ी साहब, मन्ना डे , किशोर कुमार, महेंद्र कपूर आदि ने गाया है एचएमवी के साथ कॉन्ट्रैक्ट कर भारत में पहली बार पॉप संगीत रिकॉर्ड किया.उन्होंने  एक के बाद एक तीन एलबम निकाले, जो सफल रहे गायक मुकेश के साथ उन्होंने सबसे अधिक दोगाने गाये परन्तु वे रफ़ी साहब की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं और उनसे गायकी के गुर सीखा करती थीं

शारदा जी यूँ तो फ़िल्मी दुनिया से दूर हो गयी हैं किन्तु वे आज भी स्टेज और प्राईवेट प्रोग्राम करती रहती हैं 'तितली उडी डॉट कॉम' उनकी 'वेबसाइट' है, जहाँ उन्होंने अपने सम्पर्क सूत्र भी दिए हुए हैंज़मीन से जुडी शारदा जी से कोई भी संपर्क कर सकता हैवे बहुत सरल  स्वभाव की हैं जिसके कारण आज भी लोग उन्हें चाहते हैंवे अमेरिका में रहती हैं और बहुत सक्रीय हैं 2007 में उन्होंने ग़ालिब की ग़ज़लों की अल्बम भी निकाली थी

फिल्मों के लिए रिकॉर्ड हुआ उनका आखिरी गीत फिल्म कांच की दीवार (1986) के लिए था - 'अइयों न मारो तीर का निशाना'
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Tuesday 3 December 2013

गीतकार आनंद बक्षी एक गायक के रूप में

अनोखी और दिलचस्प जानकारी [19]
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हिंदी फिल्म जगत के लोकप्रिय और बेहद सफल गीतकार के रूप में जाने जाने वाले आनंद बक्षी को कौन नहीं जानता ? उनका जन्म 1930 में और देहांत 2002 में हुआ था।

फिल्मों में गीतकार के रूप में अमिट छाप छोड़ने वाले वे ,गायक बनने का सपना लिए मुम्बई आये थे। रावलपिंडी में जन्मे आनंद ने जलसेना में नौकरी शुरू की परन्तु वह उन्हें रास नहीं आई जिसे छोड़ कर वे लखनऊ में टेलीफोन ओपरेटर की नौकरी करने लगे। वहाँ भी दिल नहीं लगा तो मुम्बई आ कर गायक बनने के लिए संघर्ष करने लगे। बात नहीं बनी तो दिल्ली आकर  मोटर मेकेनिक का काम करना शुरू किया।  ..कवि मन था सो वहाँ भी न लगा, दोबारा मुम्बई जा कर किस्मत आजमाने पहुँच गए।

इस बार इत्तेफ़ाकन भगवान दादा ने उन्हें अपनी फिल्म बड़ा आदमी [1956] के गीतकार के रूप में लिया और फ़िल्मी दुनिया के दरवाज़े खोल दिए .मगर उन्हें पहचान मिली फिल्म 'जब -जब फूल खिले' के गीतों के साथ ,जहाँ से उन्होंने मुड़ कर नहीं देखा। गायक बनने का सपना अब भी उनके मन में था जिसे उन्होंने जल्द पूरा किया और जब भी अवसर मिला अपनी आवाज़ में गाने रिकॉर्ड किये।

इन गीतों की संख्या बहुत तो नहीं है ,ये ही कोई 9 गीत हैं जिनके बारे में मुझे मालूम है। उनके गाये कुछ गीत यहाँ दिए जा रहे हैं, शायद बहुतों के लिए जो उन्हें सिर्फ गीतकार के रूप में अब तक जानते हैं, उनके लिए यह नयी जानकारी हो।

गीत - 'मैं ढूँढ़ रहा था सपनो में ,तुम को अंजानो अपनों में '
गायक और गीतकार - आनंद बक्षी
संगीत - लक्ष्मीकांत- प्यारेलाल
फिल्म- मोम की गुडिया [1972]
इसी फिल्म में लता जी के साथ - 'बागों में बहार आयी' ...
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 एक गीत आशा जी के साथ
फिल्म - महाचोर
संगीत - राहुल देव बर्मन
गीतकार और गायक - आनंद बक्षी
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चलते -चलते 
एक और रोचक जानकारी आपके लिए आनंद साहब ने आर्थिंक तंगी के दिनों में एक फिल्म में मात्र 300 रूपये के लिए एक फ़कीर का रोल भी किया था और जिस  गीत को उनपर फिल्माया गया है उसे लिखने वाले मजरूह सुल्तानपुरी और स्वर देने वाले रफ़ी साहब थे। देखिये यह गीत और पहचानिये इसमें फ़कीर को -
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Friday 22 November 2013

जब कोई बात बिगड़ जाए, जब कोई मुश्किल पड़ जाए : Copied or Inspired By Other Song [15]

[Original Song]
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If you miss the train I'm on,
you will know that I am gone
You can hear the whistle blow a hundred miles

[Five Hundred Miles (Peter, Paul, & Mary)]

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[Copied / Inspired Song]
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- गाना - 
जब कोई बात बिगड़ जाए, 
जब कोई मुश्किल पड़ जाए 
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज 
Jab Koi Baat Bigad Jaaye, 
Jab Koyi Mushkil Pad Jaaye
Tum Dena Saath Mera O Hamnawaaz

Film - Jurm (1990)
Singers : Kumar Sanu, Sadhna Sargam
Music : Rajesh Roshan
Lyricist : Indeevar
Actors : Vinod Khanna, Meenakshi Sheshadri
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Sunday 17 November 2013

सवाल-जवाब / पहेली वाले गीत : [विषय आधारित फ़िल्मी गाने]

सवाल-जवाब / पहेली वाले गीत
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 Please Note 
Titles of all the songs are hyper linked with YouTube links.
If you want  to see related video song, Just click on them.
We have done this for your convenience.
Hope you appreciate our efforts ! 


Aadhi Roti Sara Kabab, Bol Mere Murge Ku Kadu Ku
Film - Janta Hawaldar (1979)
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Chura Le Na Tum Ko Ye Mausam Suhaana
Film - Dil Hi To Hai (1963)
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Haal Kaisaa Hai Janaab Kaa, Kya Khayal Hai Aap Ka
Film - Chalti ka naam gadi (1958)
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Hum Aapki Aankhon Mein, Iss Dil Ko Basa Dein To
Film - Pyaasa (1957)
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Hum Bhi Hain Tum Bhi Ho, Dono Hain Aamne Saamne
Film - Jis Desh Men Ganga Bahti Hai (1961)
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Hamne Jab Dil Tha Diya Koyi Vaada Tha Kiya Huzoor
Film - Chhoomantar (1956)
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Ichak Dana Beechak Dana, Daane Oopar Daana, Ichak Dana
Film - Shree 420 (1955)
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Jane Kahan Mera Jigar Gaya Ji, Abhi Abhi Yahin Tha Kidhar Gaya Ji
Film - Mr and Mrs.55 (1955)
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Koyal Kyon Gaaye, Badal Kyon Chhaaye
Film - Aap Aaye Bahar Aayi (1971)
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Mera Raja Beta Bujhe Ek Paheli, Pyari Pyari Ankhiyo Ki
Film - Anurag (1972)
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Mujhe Sach Sach Bata Do, Ki Kab Dil Men Samaye The
Film - Bawre Nain (1950)
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Naam Kya Hai, Pyaar Ka Maara, Ghar Ka Pata Do, Dil Hain Tumhaara
Film - Ye Dillagi (1994)
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Saaf Karo Saaf Karo Insaf Karo, Bhai Bhul Bhulaiya Maaf Karo
Film - Ashirwad (1968)
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Saheli Ho Paheli Puchho, O Shahri Babu Paheli Boojho
Film - Paheli (1977)
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Tere Dil Ka Makan Saiya Bada Aalishan, Bolo Bolo Meri Jaan
Film - Do Ustad (1959)
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O Tere Naino Ke Main Deep Jalaunga Apni Ankhon Se Duniya Dikhlaunga
Film - Anurag (1972)
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Tere Pyar Ka Aasra Chahta Hun, Wafa Kar Raha Hun Wafa Chahata Hun
Film - Dhool ka Phool (1959)
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Un Par Kaun Kare Ji Vishwaas, Liye Bhanwron Ka Bhes
Film - Kavi Kalidas (1959)
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Wo Kaun Hai, Wo Kaun Hai Jo Rooth Jaati Hai, Chiz Wo Najuk Badi
Film - Anjana (1969)
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Zindagi Hai Kya Bolo Zindagi Hai Kya, Zindagi Hai Lattoo
Film - Satyakam (1969)
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Songs Collection By : Prakash Govind & Alpana Verma

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अगर दी गयी सूची से अलग भी कोई गाना
आपको याद आ रहा हो तो अवश्य बताएं !
हम उसे भी सूची में जोड़ देंगे !


साभार / धन्यवाद
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Friday 15 November 2013

गायिका मुबारक बेगम : (गायकों का पहला / आखिरी गाना- 9)

Mubarak Begum : First / Last Song
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मुबारक बेगम ने 50 के दशक में अपने करियर की शुरुआत रेडियो से की थी लेकिन जल्दी ही वो फिल्मों में गाने लगीं। राजस्थान की रहने वाली मुबारक बेगम ने जब फ़िल्म 'हमारी याद आएगी...' (1961) के शीर्षक गीत 'कभी तनहाईयों में यूं हमारी याद आएगी…' और फिल्म 'हमराही' (1963) के लिए ‘मुझको अपने गले लगा लो…’ गाया, तब वह रातों रात मशहूरी की बुलंदियों पर आ खड़ी हुयी थीं ! कहते हैं की उनका ऑटोग्राफ लेने के लिए लंबी कतार लगती थी।

मुबारक बेगम ने फ़िल्म 'आईए' के लिए अपना पहला पार्श्वगीत 'मोहे आने लगी अंगड़ाई…' रेकॉर्ड कराया। याक़ूब और सुलोचना चटर्जी की मुख्य भूमिकाओं वाली 1949 में रिलीज़ हुई इस फ़िल्म के संगीतकार थे शौक़त हैदरी देहलवी जो आगे चलकर नाशाद के नाम से मशहूर हुए थे। गीतकार थे नख़्शब। 
Song - Mohe Aane Lagi Angdaayi
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मुबारक बेगम ने अपने आख़िरी गीत फ़िल्म 'रामू तो दीवाना है' के लिए साल 1980 में रेकॉर्ड किए थे। चन्द्रू के संगीत में उनके गाए वो दो गीत थे -  'आओ तुझे मैं प्यार करूं...' और 'सांवरिया तेरी याद में...'
Song - Sanvariya Teri Yaad Men
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Song - Aao Tujhe Main Pyar Karun
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एक बार एक साक्षात्कार में गायिका मुबारक बेगम ने बताया था कि जैसे जैसे उनका नाम होता गया,उनके  ख़िलाफ़ साज़िशें रची जाने लगीं।"  'परदेसियों से ना अंखियां मिलाना..' (फ़िल्म - जब जब फूल खिले) और 'अगर मुझे न मिले तुम..' (फ़िल्म - काजल) गीत उनकी आवाज़ में रेकॉर्ड किए गए  परन्तु जब ये गीत बाज़ार में आए तो उनमें  उनकी  आवाज़ नहीं  थी। 1970 का दशक शुरू होते होते उन्हें  वाकई इंडस्ट्री से बाहर हो जाना पड़ा। और अगर कभी-कभार गाने का मौक़ा मिला भी तो उनमें से मुबारक जी का  एक भी गीत बाज़ार में नहीं आया 


आज  दुर्भाग्यवश  मशहूर प्लेबैक सिंगर और गजल गायिका मुबारक बेगम  मुम्बई के जोगेश्वरी में एक छोटे से घर में  ग़रीबी में अपने  दिन गुजार रही हैं।उनका बेटा टेक्सी चला कर किसी तरह घर चला रहा हैसरकार ७०० रूपये पेंशन देती है.उनकी बेटी पार्किन्सन रोग  से पीड़ित है ,उसका खर्चा भी वही करती हैं
कभी  उनकी गजलों और गानों की जो  दुनिया दीवानी  थी आज उसी दुनिया ने उन्हें बेगाना कर दिया है

Thursday 14 November 2013

मुझे नींद न आये, मुझे चैन न आये, न जाने कहाँ दिल खो गया : [Copied or Inspired Song - 14]

Copied or Inspired By Other Song [14]
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1990 में 'इंद्र कुमार' निर्देशित और आमिर खान, माधुरी दीक्षित, अनुपम खेरसईद जाफरी अभिनीत ब्लॉक बूस्टर सुपर हिट फ़िल्म- 'दिल' प्रदर्शित हुयी थी, जिसमें एक गाना- 'मुझे नींद न आये, मुझे चैन न आये, न जाने कहाँ दिल खो गया' जबर्दस्त लोकप्रिय हुआ था ! गीतकार 'समीर' के लिखे इस गीत को 'आनंद-मिलिंद' के संगीत निर्देशन में 'अनुराधा पौडवाल' और 'उदित नारायण' ने गाया था ! 

क्या आपको मालुम है कि दरअसल इस गाने को ब्रिटेन के 'भांगड़ा पॉप ग्रुप अलाप' के गायक 'चन्नी सिंह' ने अपने एल्बम के लिए गाया था ! उनके गाये गाने - 'चुन्नी उड उड जाए, गुत खुल-खुल जाए, कुड़ी नु यारों की हो गया' से ही कॉपी करके फ़िल्म दिल का गाना बनाया गया था ! आईये आज 'ओरिजिनल' और 'कॉपी' हुए दोनों गानों को सुनते हैं :

[Original Song]
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चुन्‍नी उड उड जाए, गुत खुल खुल जाए
कुड़ी नूं यारो की हो गया, कुड़ी नूं यारों की हो गया
Singer - Channi Singh
By UK Based Bhangra Pop Group Alaap
Channi Singh is the founder, lead singer, producer, director of Alaap Group. He came from Malerkotla, Punjab to the UK in 1975 and gradually started the popularity of Punjabi music among the Punjabi youth in the UK, forming the Alaap group in 1977 with other talented musicians. By using both Western and Punjabi folk instruments, the group produced a new and more modern style in Punjabi music.

Chunni Ud Ud Jaaye, Gut Khul Khul Jaaye
Kudi Nun Yaaron Kee Ho Gaya
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[Copied / Inspired Song]
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मुझे नींद न आये, मुझे चैन न आये
न जाने कहाँ दिल खो गया,  न जाने कहाँ दिल खो गया
Mujhe Neend Na Aaye, Mujhe Chain Na Aaye
Na Jaane Kahan Dil Kho Gya
Movie : Dil  (1990)
Singer : Anuradha Paudwal, Udit Narayan
Star Cast : Aamir Khan, Madhuri Dixit, Anupam Kher
Music Director : Anand Milind
Lyrics : Sameer
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End
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Wednesday 13 November 2013

मैंने प्यार तुम्ही से किया है, मैंने दिल भी तुम्ही को दिया है : Copied or Inspired By Other Song [13]

[Original Song]
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मुझे देख के बीन बजाएं 
डर है न पकड़ ले जाएँ  
सपेरों से मैं छुपती फिरुँ
Mujhe dekh ke been bajaen
Dar Hai Na Pakad Le Jaayen
Singer - Musarrat Nazir
Pakistani Film - Himmatwala (1981)
Music - M.Ashraf
Lyricist - Masroor Anwar
Film Director - Aziz Tabassum
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[Copied Song]
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मैंने प्यार तुम्ही से किया है
मैंने दिल भी तुम्ही को दिया है
Maine Pyar Tumhi Se Kiya Hai
Maine Dil Bhi Tumhi Ko Diya Hai
Singers - Kumar Sanu, Anuradha Paudwal
Music - Nadeem-Shravan
Movie - Phool Aur Kaante (1991)
Starring - Ajay Devgan, Madhoo
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Thursday 7 November 2013

साहित्यिक कृतियों पर आधारित हिंदी सिनेमा

Films Based on Indian Novels & Literature
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मारे अधिकाँश फिल्मकारों का यह मानना रहा है कि चूँकि सिनेमा का मूल उद्देश्य जनता का मनोरंजन करना है अतैव साहित्यिक कृतियों के जरिये दर्शकों की अपेक्षाओं को पूरा करना कठिन हो जाता है ! इसके बावजूद भी अनेक प्रबुद्ध और सजग फिल्मकारों ने समय-समय पर नामी लेखकों की साहित्यिक कृतियों व रचनाओं को आधार बनाकर सफल फिल्मों का निर्माण किया !

चूँकि फ़िल्म एक ऐसा माध्यम है जो जन-जन से जुड़ा है, इसलिए फिल्मकारों साहित्यिक कृतियों को फिल्माने में थोड़ी-बहुत छूट भी ली है ! कई बार लेखकों ने अपनी कृति के साथ खिलवाड़ करने के आरोप भी लगाए हैं, लेकिन यह भी उतना ही सच है कि फ़िल्म के माध्यम से साहित्यिक रचनाओं को बड़े पैमाने पर पहचान भी मिलती है !  
 
यहाँ हम हिंदी सिनेमा की ऐसी फिल्मों की सूची दे रहे हैं जो साहित्यिक कृतियों पर आधारित हैं :

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'देवदास' - मूलरूप से बांग्ला में लिखित शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास  को आधार बनाकर हिंदी में प्रमथेश बरुआ (1936), विमल राय (1955) और बाद में संजय लीला भंसाली (2002) द्वारा फ़िल्म का निर्माण हुआ !
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'परिणीता' - शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा 1914 में रचित चर्चित बांग्ला उपन्यास पर इसी नाम से 1942 में पशुपति चटर्जी ने, 1953 में बिमल राय ने, 1969 में अजॉय कार ने और 2005 में प्रदीप सरकार ने फ़िल्म का निर्देशन किया !
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'ज़िद्दी' (1948) - इस्मत चुगतई की कहानी पर केंद्रित फ़िल्म का निर्देशन शाहिद लतीफ़ ने किया !
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'बिराज बहू' (1954) - शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय की कृति पर आधारित फ़िल्म का निर्माण हितेन चौधरी ने और निर्देशन बिमल राय ने किया !
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'सुजाता' (1959) - सुबोध घोष की बांग्ला कहानी पर आधारित फ़िल्म का निर्देशन बिमल राय ने किया !
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'धर्मपुत्र' (1961) - आचार्य चतुरसेन के उपन्यास को आधार बनाकर यश चोपड़ा ने इसी नाम से फ़िल्म बनायी
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'साहब बीबी और गुलाम' (1962) - बांग्ला उपन्यासकार विमल मित्र के उपन्यास पर इसी नाम से गुरुदत्त ने फ़िल्म बनायी, जिसको अबरार अल्वी ने निर्देशित किया !
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'गोदान' (1963) - उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की अमर कृति पर आधारित फ़िल्म का निर्देशन त्रिलोक जेटली ने किया !
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बंदिनी (1963) - चारुचंद्र चक्रबर्ती 'जरासंध' के बांग्ला उपन्यास 'तामसी' पर केंद्रित फ़िल्म का निर्माण बिमल राय ने किया !
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'काबुलीवाला' (1965) - रबींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित कहानी पर केंद्रित फ़िल्म का निर्माण बिमल राय ने और निर्देशन हेमेन गुप्ता ने किया !
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'गाइड' (1965) - मूलरूप से अंग्रेजी में लिखे गए आर.के.नारायण के उपन्यास 'दि गाइड' पर देव आनंद ने हिंदी में फ़िल्म का निर्माण किया, जिसे विजय आनंद ने निर्देशित किया ! 
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'गबन' (1966) - मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास पर केंद्रित फ़िल्म का निर्माण ऋषिकेश मुखर्जी ने किया !
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'तीसरी कसम' (1966) - उपन्यासकार-कहानीकार फणीश्वरनाथ 'रेणु' की चर्चित कहानी 'तीसरी कसम उर्फ़ मारे गए गुलफाम' को आधार बनाकर बासु भट्टाचार्य ने  फ़िल्म बनायी !
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'सरस्वतीचन्द्र (1968) - गोवर्धनराम माधवराम त्रिपाठी के गुजराती उपन्यास पर उसी नाम से फ़िल्म का निर्माण गोविन्द सरैया ने किया !
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'भुवन सोम' (1969) - बलाई चन्द्र मुखोपाध्याय द्वारा रचित बाँग्ला कहानी पर आधारित फ़िल्म का निर्माण व निर्देशन मृणाल सेन ने किया ! 
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'सारा आकाश' (1969) - हाल में ही दिवंदत कथाकार 'राजेन्द्र यादव' के उपन्यास 'प्रेत बोलते हैं' को आधार बनाकर निर्देशक बासु चटर्जी ने फ़िल्म बनायी !
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'सफ़र' (1970) - आशुतोष मुखर्जी के बांग्ला उपन्यास पर आधारित फ़िल्म का निर्माण असित सेन ने किया ! 
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'छोटी बहू' (1971) - निर्देशक के.बी.तिलक ने शरतचन्द्र चटर्जी के बांग्ला उपन्यास 'बिन्दुर छेले' पर केंद्रित फ़िल्म बनायी !
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'रजनीगंधा' (1974) - निर्माता-निर्देशक बासु चटर्जी ने कथा लेखिका मन्नू भंडारी की कहानी 'यही सच है' को आधार बनाकर फ़िल्म बनायी !
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'मौसम' (1975) - साहित्यकार 'कमलेश्वर' की लम्बी कहानी 'आगामी अतीत' पर निर्देशक 'गुलज़ार' ने फ़िल्म का निर्माण किया !
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'आंधी' (1975) - 'कमलेश्वर' के ही एक अन्य उपन्यास 'काली आंधी' को केंद्र में रखकर गुलज़ार ने फ़िल्म बनायी !
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'बालिका बधू' (1976) - तरुण मजूमदार के निर्देशन में बनी ये फ़िल्म 'बिमल कार' के बांग्ला उपन्यास पर आधारित थी !
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'शतरंज के खिलाड़ी' (1977) - प्रेमचंद की कहानी पर सत्यजीत रे ने इसी नाम से फ़िल्म बनायी !
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'भूमिका' (1977) - मराठी रंगमंच-सिनेमा की अभिनेत्री हंसा वाडकर द्वारा लिखे संस्मरण - 'सांगते एका' पर आधारित फ़िल्म का निर्देशन श्याम बेनेगल ने किया !
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'जूनून' (1978) - रुस्किन बॉन्ड के नावेल 'ए फलाईट आफ पिजन्स' पर आधारित फ़िल्म का निर्माण शशि कपूर ने और श्याम बेनेगल ने निर्देशित किया !
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'अपने पराये' (1980) - शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित बांग्ला उपन्यास 'निष्कृति' पर आधारित फ़िल्म  का निर्देशन बासु चटर्जी ने किया ! 
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'सदगति' (1981) - प्रेमचंद की कहानी के आधार पर छोटे परदे के लिए सत्यजीत रे ने फ़िल्म का निर्माण किया
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'उत्सव' (1984) - संस्कृत नाट्य कथा 'मृच्छकटिकम्' पर आधारित इस फ़िल्म का निर्माण शशि कपूर और निर्देशन गिरीश कर्नाड ने किया !
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'इज़ाज़त' (1987) - सुबोध घोष द्वारा रचित कहानी 'जोतुगृह' पर आधारित फ़िल्म को गुलज़ार ने निर्देशित किया !
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'सूरज का सातवां घोडा' (1992) - 'धर्मवीर भारती' के उपन्यास पर निर्देशक श्याम बेनेगल ने उसी नाम से फ़िल्म बनायी !
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'ट्रेन टू पाकिस्तान' (1998) - मूलरूप से अंग्रेजी में लिखे खुशवंत सिंह के उपन्यास पर निर्देशक पामेला रुक्स ने फ़िल्म बनायी !
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'अग्निवर्षा' (2002) - गिरीश कर्नाड के अंग्रेजी में लिखे नाटक 'रेन एंड फायर' को आधार बनाकर निर्देशक अर्जुन सजनानी ने फ़िल्म का निर्माण किया !
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'ब्लैक फ्राईडे (2004) - एस.हुसैन जैदी के लिखे उपन्यास - 'ब्लैक फ्राईडे - द ट्रू स्टोरी आफ द बॉम्बे ब्लास्ट्स' पर केंद्रित फ़िल्म का निर्देशन अनुराग कश्यप ने किया !
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'थ्री इडियट्स' (2009) - निर्देशक राजकुमार हिरानी ने चर्चित लेखक चेतन भगत के उपन्यास 'फाइव प्वाइंट समवन' पर आधारित फ़िल्म का निर्माण किया ! 
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'काय पो छे' (2013) - चेतन भगत के एक अन्य उपन्यास 'दि थ्री मिस्टेक्स आफ माई लाईफ' पर आधारित हाल ही में रिलीज फ़िल्म को अभिषेक कपूर ने निर्देशित किया !
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The End 
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