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Thursday 24 September 2015

गायक जगजीत सिंह : (गायकों का पहला / आखिरी गाना-14)

जन्म : 8 फरवरी, 1949
निधन : 10 अक्टूबर, 2011
Jagjit Singh : First / Last Song
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जगजीत सिंह का नाम बेहद लोकप्रिय ग़ज़ल गायकों में शुमार हैं। उनकी ग़ज़लों ने न सिर्फ़ उर्दू के कम जानकारों के बीच शेरो-शायरी की समझ में इज़ाफ़ा किया बल्कि ग़ालिब, मीर, मजाज़, जोश और फ़िराक़ जैसे शायरों से भी उनका परिचय कराया। जगजीत हकीकत में गजल सिंगर के रूप में एक संत थे। मंदिर, मस्जिद, गिरजा और गुरुद्वारे में विभाजित खुदा को उन्होंने नए सिरे से जोड़कर अपने दिल में बसा लिया था। उन्हें सन 2003 में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। फरवरी 2014 में उनके सम्मान व स्मृति में दो डाक टिकट भी जारी किए गए !
 
जगजीत जी को बचपन मे अपने पिता से संगीत विरासत में मिला। आगे जाकर सैनिया घराने के उस्ताद जमाल ख़ान साहब से ख्याल, ठुमरी और ध्रुपद की बारीकियां सीखीं। जगजीत जी 1965 में मुंबई आ गए। उन दिनों तलत महमूद, मुकेश, रफ़ी, किशोर, मन्ना डे जैसे महारथियों के दौर में पार्श्व गायन का मौक़ा मिलना बहुत मुश्किल था। मशहूर म्यूज़िक कंपनी HMV ने जगजीत जी का पहला एलबम ‘द अनफ़ॉरगेटेबल्स (1976)’ रिलीज किया, जो कि हिट रहा। 
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जगजीत जी ने फिल्मों में पहला गाना एक गुजराती फ़िल्म 'बहुरूपी' में गाया  
गाना : लागी राम भजन नी लगनी 
Song : Laagi Ram Bhajan Ni Lagani 
Film : Bahuroopi (1966)  
Music : Ajit Merchant 
Lyrics : Venibhai Purohit
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हिंदी फिल्मों के लिए पहला गाना जगजीत जी ने फ़िल्म 'आविष्कार' के लिए गाया 
गाना - बाबुल मोरा नैहर छुटो जाए 
Song - Babul Moraa Nahiyar Chhuto Jaaye
Singers -
Jagjit- Chitra
Music Director - Kanu Roy
Movie - Aavishkar (1973)

Actors : Rajesh Khanna, Sharmila Tagore 
 

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फिल्मों के लिए अंतिम गाना जगजीत जी ने फ़िल्म 'बन्दूक' के लिए गाया था
गाना - मृगतृष्णा मरुस्थल की छलती रेत रूप धर जल की 
Song : Marigtrishna Marusthal Ki Chhalti Ret Roop Dhar Jal Ki
Film : Bandook (2013)
Music : Nikhil Vinay 
 Lyrics : Shiv Sagar Singh, Aditya Om 
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जगजीत सिंह जी ने अन्य अनेक फिल्मों जैसे फ़िल्म - 'तुम्हारा कल्लू' (1975),  'त्यागपत्र' (1978), तराना (1979), 'एक बार कहो' (1980), 'प्रेम गीत' (1981), 'अर्थ' (1982), 'साथ-साथ' (1982) के लिए भी गाने गाये !
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जगजीत सिंह जी के रिलीज एल्बम की लिस्ट :
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ग़ज़ल ऍलबम

  • इन्तेहा (2009)
  • कोई बात चले (2006)
  • तुम तो नहीं हो (2003)
  • शहर (2000)
  • मरासिम (1999)
  • टूगेदर (Together) (1999)
  • सिलसिले (1998)
  • द प्लेबैक इअर्स (Playback Years, The) (1998)
  • लव इस ब्लाइड (Love is Blind) (1997)
  • एटर्निटी (Eternity) (1997)
  • उनीक (Unique) (1996)
  • जाम उठा (1996)
  • इन हारमोनी (In Harmony)
  • क्राई फॉर क्राई (Cry for Cry) (1995)
  • मिराज (Mirage)(1995)
  • इनसाइट (Insight) (1994)
  • डिसाइर्स (Desires) (1994)
  • एक्स्टसीज (Ecstasies) (1994)
  • अदा (1993)
  • एन्कॉर (Encore) (1993)
  • जगजीत सिंह के साथ लाइव (Live with Jagjit Singh) (1993)
  • फ़ेस टू फ़ेस (Face to Face) (1993)
  • इन सर्च (In Search) (1992)
  • विज़न्स (Visions) (1992)
  • रेयर जेम्स (Rare Gems) (1992)
  • सज्दा (1991)
  • होप (Hope) (1991)
  • कहकशां (1991)
  • समवन समवेहर (Someone Somewhere) (1990)
  • योर च्होस (Your Choice)
  • मिर्जा गालिब (1988)
  • बिआंड टाइम (Beyond Time) (1987)
  • पैशन - "ब्लैक मैजिक" के रूप में भी जाना जाता है (1987)
  • लाइव इन कॉन्सर्ट (1987)
  • द अनफोरगेटबलस (The Unforgettable) (1987)
  • ए सांउड अफेअर (Sound Affair, A) (1985)
  • इकॉस (Echoes) (1985)
  • लाइव एट रॉयल अल्बर्ट हॉल लाइव (Live at Royal Albert Hall) (1983)
  • द लेटेस्ट (The Latest) (1982)
  • लाइव इन कॉन्सर्ट एट वेम्बली (Live in Concert at Wembley) (1981)
  • मैं और मेरी तंहाई (1981)
  • अ माइलस्टोन (Milestone, A) (1980)
  • अनफोरगेटबलस (Unforgettables) (1976)

पंजाबी ऍलबम

  • बिरहा दा सुलतान - शिव कुमार बटालवी की गज़लें ((1995)
  • Ichhabal (Modern Punjabi Poetry)
  • इश्क दी माला (आशा भोसले के साथ)
  • जगजीत सिंह - पंजाबी हिट्स (1991)
  • मन जीते जग जीत (गुरबाणी)
  • सतनाम वाहेगुरु एही नाम है अधारा
  • द ग्रेटेस्ट पंजाबी हिट्स ऑफ जगजीत एंड चित्रा सिंह

भक्ति ऍलबम

  • हरे कृष्ण
  • हे गोविंद हे गोपाल Hey Gobind Hey Gopal
  • हे राम... हे राम .. राम धुन
  • कृष्ण भजन
  • सांवरा
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Friday 17 January 2014

गायिका सुधा मल्होत्रा : [गायकों का पहला / आखिरी गाना- 13]

गायकों का पहला / आखिरी गाना- 13
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Sudha Malhotra : First / Last Song
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हिंदी फिल्मों की गायिका सुधा मल्होत्रा 30 नवम्बर,1936 को दिल्ली में पैदा हुई ! रेडिओ लाहौर में एक बाल कलाकार [गायिका] के रूप में काम शुरू किया ! 6 साल की उम्र में कानन बाला के गाने से स्टेज पर गाना शुरू किया था ! गुलाम हैदर जी ने उन्हें गाने के मंच पर पहला मौका दिया था !

13 साल की उम्र में अपने माता-पिता के साथ मुम्बई आयीं, तब संगीतकार अनिल बिस्वास जी ने उन्हें पहला पार्श्वगायन- 'मिला गये नैन, मिला गये नैन' फिल्म- 'आरजू' (1950) के लिए मौका दिया ! इसे शशिकला पर फिल्माया गया था ! पहला ही गाना बहुत लोकप्रिय हुआ और गौरतलब है कि शशिकला जी और तलत महमूद की भी यह पहली फिल्म थी :
- First Song - 
Mila Gaye Nain, Mila Gaye Nain
Jinako Jiyaa Tarase Chupke Chupke
Meri Nazar Se Milaa Gaye Nain
Singer : Sudha Malhotra
Film : Aarzoo (1950)
Music : Anil Biswas
Lyricist : Majrooh Sultanpuri
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इस बड़े ब्रेक के बाद उन्हें कई फिल्मों में गाने का मौका मिला ! संगीतकार हुस्नलाल जी के कहने पर पटियाला घराने से शास्त्रीय संगीत की तालीम ली ! फिल्म- 'बरसात की रात' (1960) में कव्वाली- 'न तो कारवां की तलाश है..' जिसकी लगातार 23 घंटे रिकॉर्डिंग हुई थी ! फ़िल्मी गीतों के अलावा उन्होंने बहुत से भजन और ग़ज़ल भी गाये हैं !

गीता जी के साथ फिल्म- 'काला बाज़ार' (1960) के लिए उनका गाया 'न मैं धन चाहूँ न रतन चाहूँ' बहुत लोकप्रिय भजन रहा ! शायर साहिर लुध्यानवी के प्रोत्साहन को वह अपने करियर के लिए बहुत बड़ा सहायक मानती हैं ! साहिर के लिखे  फ़िल्म- 'दीदी' (1959) के गीत 'तुम मुझे भूल भी जाओ' का संगीत भी सुधा मल्होत्रा जी ने खुद बनाया था ! यही उनका पहले दौर का आखिरी गीत था

वर्ष 1957 से 1960 तक उनका बहुत अच्छा सफ़र रहा ! 1960 में शादी के उपरान्त गाना छोड़ देने के बाद राज कपूर की फिल्म- 'प्रेम रोग' फिल्म के लिए 'ये प्यार था या और कुछ और था' गीत के साथ फिल्मों में वापसी की ! यही उनका फिल्मों में अब तक का आखिरी गाना है :
- Last Song - 
Ye Pyar Tha Ya Kuchh Aur Tha Na Tujhe Pata
Singers : Sudha Malhotra, Anwar
Film : Prem Rog (1982)
Music : Laxmikant Pyarelal
Lyricist : Santosh Anand
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साहिर के लिखे गीत 'कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है' उन्होंने गीता दत्त के साथ खय्याम साहब के संगीत में चेतन आनंद की फिल्म के लिए गाया था, जो कभी पूरी बन नहीं सकी ! 78 वर्षीय सुधा जी इन दिनों मुम्बई के खार (पश्चिम) में अपने बेटे व नाती-पोतों के साथ रह रही हैं, 4 वर्ष पूर्व उनके पति गिरधर मोटवानी का निधन हो चुका है ! भारत सरकार ने 2013 में सुधा जी को हिंदी फ़िल्म संगीत के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया।
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End
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Friday 20 December 2013

गायिका राजकुमारी दुबे : (गायकों का पहला / आखिरी गाना- 12)

गायकों का पहला / आखिरी गाना- 12
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Rajkumari Dubey : First / Last Song 
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बोलती फिल्मों के साथ गायक सितारों का चलन हुआ, लेकिन जल्द ही यह युग समाप्त हुआ और पार्श्वगायन युग का आरम्भ हुआ, जिस के शुरूआती कलाकारों में एक 'राजकुमारी दुबे' थीं। उन्हें पहली महिला पार्श्व गायिका भी कहा ही जा सकता है क्योंकि उनका पहला पार्श्वगीत 1940 में रिकॉर्ड हुआ था 

राजकुमारी का जन्म 1924 में हुआ था, उन्हें कभी संगीत शिक्षा नहीं मिली, लेकिन परिवार का सहयोग हमेशा रहा ! जब वे मात्र 10 वर्ष की थीं तब 1934 में उन्होंने एच.एम्.वी के लिए अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया ! उस गाने की रिकॉर्डिंग तो नहीं मिल पायी है ! कहा जाता है राजकुमारी जी का वह गीत कहीं उपलब्ध नहीं है, एक कार्यक्रम में उनसे सुनाने को कहा तो उन्हें भी ठीक से वह गीत याद नहीं आया ! हम उनका रिकॉर्ड किया दूसरा गीत सुनवा रहे हैं जो उन्होंने फिल्म 'लाल चिट्ठी' के लिए 1934 में गाया था .ज्ञात हो कि उन्होंने एक स्टेज कलाकार के तौर पर अपना करियर शुरू किया था  वर्ष 1933 में फिल्म 'आंख का तारा', 'भक्त और भगवान', 1934 में लाल चिट्ठी, मुंबई की रानी और 'शमशरे आलम' में उनके गीतों ने काफी धूम मचा दी थी

संगीत की औपचारिक शिक्षा न होते हुए भी वे मुश्किल से मुश्किल संगीत रचना को गा दिया करती थीं, जिससे उन्हें संगीत में तालीमशुदा ही समझा जाता था  उनके गीत बहुत लोकप्रिय हुआ करते थे, उनमें कुछ ये हैं- 'सुन बैरी बलमा कछू सच बोल', नजरिया की मारी-मरी मोरी दइया', 'मुझे सच सच बता दो कब मेरे दिल में समाए थे', 'जब तुम पहली बार देखकर मुस्कराए थे', 'आंख गुलाबी जैसे मद की प्यालियां', जागी हुई आंखों में है शरम की लालियां', 'एक तीर चला और घबरा के जो हम सर को टकरायें तो  अच्छा हो', 'चुन चुन घुंघरवा' आदि आज भी पुराना संगीत सुनने वालों में राजकुमारी का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता हैउन्हें बाद के सालों में फ़िल्मी दुनिया की उपेक्षा का शिकार होना पड़ा एक बार नौबत यहाँ तक आ गयी थी कि पाकीज़ा के एक गीत में उन्हें कोरस में गाना पडा, जिसे देखकर नौशाद साहब का दिल भर आया और उन्होंने उन्हें एक ठुमरी फिल्म में गाने को दी  सच है समय सदा एक सा नहीं रहता और फ़िल्मी दुनिया कब किस की अपनी रही है ?

Title : Kudrat Hai Rab Ki Nyaari
Vocals : Rajkumari Dubey
 Film : Laal Chitthi alias Red Letter (1935)
 Music : Lallubhai Nayak
Lyrics : ?

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राजकुमारी जी का गाया आखिरी गीत 
Last Song

 Song - Hari Din To Beeta Shaam Huyi 
Singer - Rajkumari 
Film - Kitaab [1977]
 Music - RD Burman
 Lyrics - Gulzar
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राजकुमारी जी ने हर तरह के गीत गाये थे ! टी वी कार्यक्रम की इस क्लिप
में आप उनकी आवाज़ में गीत और उनकी बातें सुन सकते हैं !
उनकी मृत्यु सन 2000 में हो गयी थी !
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Monday 9 December 2013

गायिका जगजीत कौर : (गायकों का पहला / आखिरी गाना- 11)

Jagjit Kaur : First / Last Song 
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हिंदी फिल्म जगत की पर्श्गायिका जगजीत कौर को कौन नहीं जानता ? पंजाबी जमींदार परिवार में जन्मी जगजीत 1948-49 में बम्बई आ गयीं थीं ! उन्होंने भले ही बहुत कम गाने गाये हैं परन्तु उनकी आवाज़ वह छाप छोड़ चुकी है की उन्हें हमेशा याद किया जाएगा, ऐसा मेरा मानना है ! उनकी आवाज़ में पंजाब की मिटटी की सौंधी खुश्बू है, जिसपर फ़िदा होकर खय्याम साहब ने उन्हें अपना दिल दे दिया और वे परिणय सूत्र में बंध गए !

गायिका जगजीत कौर जी के कई गाने बहुत लोकप्रिय हुए : 'तुम अपना रंजोगम अपनी परेशानी मुझे दे दो' - (फ़िल्म शगुन), 'चले आओ संईया रंगीले मैं वारी रे' - (फ़िल्म बाजार), 'काहे को ब्याही बिदेस' - (फ़िल्म उमराव जान), 'साडा चिड़िया दा चम्बा ये' - (फ़िल्म कभी कभी) !

जब जगजीत कौर फिल्म जगत में आयीं तो उस समय कृष्णा काले, मीनू पुरुषोत्तम, कमल बारोट, मीना कपूर और उषा मंगेशकर भी अपनी जगह बनाने में प्रयासरत थीं ! उन दिनों लता मंगेशकर जी इस तरह से छायी हुई थीं कि जगजीत कौर जी की आवाज़ में फ़िल्म 'लाहौर' (1949) के कुछ गानों और फ़िल्म 'जाल' (1952) के गीत "ये रात ये चांदनी फिर कहाँ'' की रिहर्सल  सब करवाने के बाद भी अंतिम रिकॉर्डिंग लता जी की आवाज़  में हुई ! उन्हें पहला गाना 1953 की फिल्म - 'दिले नादाँ' में मिला !

- पहला गीत [First Song] -
खामोश ज़िन्दगी को अफ़साना मिल गया 
Kahmosh Zindagi Ko Afsana Mil Gayaa 

Singer : Jagjit Kaur
Film : Dil-e-Nadan (1953)
Music : Ghulam Mohammad
Lyricist : Shakeel Badayuni 
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- आखिरी सोलो  गीत [Last Solo Song] -
देख लो आज हमको जी भर के 
Dekh Lo Aaj Humko Jee Bhar Ke 

Singer : Jagjit Kaur
Film : Bazaar (1982)
Music : Khayyam
Lyrics : Mirza Shauq
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जगजीत कौर जी ने आखिरी गीत फिल्म- लोरी (1984) के लिए गाया ! 
'गुडिया चिड़िया चाँद चकोरी' गाने को उन्होंने आशा भोसले, और पामेला के साथ गाया ! 
इस फिल्म में खय्याम के साथ वे सहायक संगीत निर्देशक थीं !
Movie : Lorie (1984)
Music Director : Khayyam
Singers : Asha Bhosle, Jagjit Kaur, Pamela Chopra
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Friday 15 November 2013

गायिका मुबारक बेगम : (गायकों का पहला / आखिरी गाना- 9)

Mubarak Begum : First / Last Song
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मुबारक बेगम ने 50 के दशक में अपने करियर की शुरुआत रेडियो से की थी लेकिन जल्दी ही वो फिल्मों में गाने लगीं। राजस्थान की रहने वाली मुबारक बेगम ने जब फ़िल्म 'हमारी याद आएगी...' (1961) के शीर्षक गीत 'कभी तनहाईयों में यूं हमारी याद आएगी…' और फिल्म 'हमराही' (1963) के लिए ‘मुझको अपने गले लगा लो…’ गाया, तब वह रातों रात मशहूरी की बुलंदियों पर आ खड़ी हुयी थीं ! कहते हैं की उनका ऑटोग्राफ लेने के लिए लंबी कतार लगती थी।

मुबारक बेगम ने फ़िल्म 'आईए' के लिए अपना पहला पार्श्वगीत 'मोहे आने लगी अंगड़ाई…' रेकॉर्ड कराया। याक़ूब और सुलोचना चटर्जी की मुख्य भूमिकाओं वाली 1949 में रिलीज़ हुई इस फ़िल्म के संगीतकार थे शौक़त हैदरी देहलवी जो आगे चलकर नाशाद के नाम से मशहूर हुए थे। गीतकार थे नख़्शब। 
Song - Mohe Aane Lagi Angdaayi
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मुबारक बेगम ने अपने आख़िरी गीत फ़िल्म 'रामू तो दीवाना है' के लिए साल 1980 में रेकॉर्ड किए थे। चन्द्रू के संगीत में उनके गाए वो दो गीत थे -  'आओ तुझे मैं प्यार करूं...' और 'सांवरिया तेरी याद में...'
Song - Sanvariya Teri Yaad Men
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Song - Aao Tujhe Main Pyar Karun
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एक बार एक साक्षात्कार में गायिका मुबारक बेगम ने बताया था कि जैसे जैसे उनका नाम होता गया,उनके  ख़िलाफ़ साज़िशें रची जाने लगीं।"  'परदेसियों से ना अंखियां मिलाना..' (फ़िल्म - जब जब फूल खिले) और 'अगर मुझे न मिले तुम..' (फ़िल्म - काजल) गीत उनकी आवाज़ में रेकॉर्ड किए गए  परन्तु जब ये गीत बाज़ार में आए तो उनमें  उनकी  आवाज़ नहीं  थी। 1970 का दशक शुरू होते होते उन्हें  वाकई इंडस्ट्री से बाहर हो जाना पड़ा। और अगर कभी-कभार गाने का मौक़ा मिला भी तो उनमें से मुबारक जी का  एक भी गीत बाज़ार में नहीं आया 


आज  दुर्भाग्यवश  मशहूर प्लेबैक सिंगर और गजल गायिका मुबारक बेगम  मुम्बई के जोगेश्वरी में एक छोटे से घर में  ग़रीबी में अपने  दिन गुजार रही हैं।उनका बेटा टेक्सी चला कर किसी तरह घर चला रहा हैसरकार ७०० रूपये पेंशन देती है.उनकी बेटी पार्किन्सन रोग  से पीड़ित है ,उसका खर्चा भी वही करती हैं
कभी  उनकी गजलों और गानों की जो  दुनिया दीवानी  थी आज उसी दुनिया ने उन्हें बेगाना कर दिया है

Friday 25 October 2013

गायक मन्ना डे : (गायकों का पहला / आखिरी गाना-8)

जन्म : 1 मई, 1919
मृत्यु : 24 अक्टूबर, 2013
Manna Dey : First / Last Song
मन्ना दा अपने सम्पूर्ण और विलक्षण गायन के साथ संगीत प्रेमियों के दिलों पर दशकों तक छाए रहे ! मन्ना दा को निःसंदेह शास्त्रीय संगीत को आमजन तक पहुँचाने के लिए भी याद रखा जाएगा। उनकी आवाज़ की मधुरता न सिर्फ कानों में बल्कि दिल में भी रस घोलती रही है ! तभी तो मोहम्मद रफ़ी साहेब ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा था -  "आप लोग मेरे गीत सुनते हैं, लेकिन यदि मुझसे पूछा जाए तो मैं कहूंगा कि मैं मन्ना डे के गीतों को सुनता हूं।"
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मन्ना डे का पहला रिकार्डेड गाना 1942 में प्रदर्शित फ़िल्म- तमन्ना के लिए था, जो उन्होंने अपने चाचा कृष्ण चन्द्र डे के संगीत निर्देशन में सुरैया के साथ गाया था :
'जागो जागो आयी उषा, पक्षी बोले जागो'   
Song - Jago Aayi Usha Panchhi Boley Jago
Singer - Manna Dey & Suraiya
Music - K.C Dey (Krishna Chandra Dey)
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मन्ना दा ने अपने फ़िल्म गायन सफ़र का अंतिम गाना वर्ष 2006 में फ़िल्म- उमर के लिए शमीर टंडन के संगीत निर्देशन में गाया था :
'दुनिया वालों की नहीं कुछ भी खबर'
Song - Duniya waalon Ki Nahi Kuchh Bhee Khabar
Singers -
Manna Dey, Kavita Krishnamurthy, 
Shabaab Sabri, Sonu Nigam;
Music Director - Shamir Tandon;
Lyricist - Shaily Shailendra;
Movie - Umar (2006)

 
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वर्ष 1942 से 2013 तक मन्ना दा के रिकार्डेड गानों की संख्या 4000 के करीब है ! हिंदी गानों के अतिरिक्त उन्होंने 1262 गाने बंगाली में, 35 फिल्मी गीत भोजपुरी में, 13 फिल्मी और 5 गैर फिल्मी गाने पंजाबी में, 2 फ़िल्मी और 4 गैर फिल्मी गाने असमिया में, 7 फिल्मी गाने उड़िया और 1-1 फिल्मी गाना क्रमशः कोंकणी और सिंधी में गाया ! 85 गाने गुजराती फिल्मों में गाये ! 55 फिल्मी और 15 गैर फिल्मी गाने मराठी में गाये ! कन्नड़ और मलयालम फिल्मों में 2-2 गाने गाये ! 

Saturday 12 October 2013

गायिका शमशाद बेग़म - (गायकों का पहला / आखिरी गाना-7)

Shamshaad Begum : First / Last Song
भारतीय सिनेमा गीत संगीत के सुनने वालों में से शमशाद बेगम जी को  कौन नहीं जानता होगा ? वे हिंदी फ़िल्मी पार्श्वगायन की पहली गायिकाओं में से एक थीं ! मधुर खनक लिए उनकी आवाज़ ने उनको लाखों प्रशंसक दिए उनकी गायकी में रस था ! उन्होंने अपने गायन की शुरुआत रेडिओ पेशावर से की ! उनकी पहली फिल्म खजांची (1941) थी, जिस में उन्होंने एक नहीं पूरे नौ गीत गाये थे !
Let us listen Shamshaad Begum's first playback song for hindi film 

Song - Ek Kali Naazon Ki Pali 
Movie - Khanzanchi [1941]
Singer - Shamshad Begum
Lyrics -Ghulam Haider
Music - Wali Sahab
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सांस पर गज़ब का नियंत्रण और ऊँचे से ऊँचे सुर में आसानी से गा लेना उनकी विशेषता थी ! जिसने उन्हें उस समय के संगीतकारों की पसंद बना दिया ! उनके गाये गानों के चाहने वाले नए ज़माने में भी हैं, इसीलिये तो उन्हीं के गाये गीतों के रीमिक्स भी खूब बने पश्चिमी धुन पर बना पहला  गाना 'मेरी जान आना सन्डे के सन्डे' भी उन्हीं की आवाज़ में रिकॉर्ड हुआ ! किशोर कुमार ,मुकेश और लता जी की तरह वे भी कुंदन  लाल सहगल की दीवानी थीं !  

शमशाद बेगम ने नायक को भी अपनी आवाज़ देने में परहेज नहीं किया और एक तरह से नया ट्रेंड यहीं से शूरू हुआ ! जब उन्होंने 1968 की फिल्म 'किस्मत' में विश्वजीत को अपनी आवाज़ दी !
यूँ तो उनके कुछ गाने जो इस से पहले रिकॉर्ड किये गये थे, वे उनके इस फिल्म के बाद आईं फिल्मों में प्रयोग किये गए ! पंजाबी फिल्म 'मैं पापी तुम बखश्न्हार' 1976 में भी उनका गाया गीत रखा गया था, कुछ लोग उसे ही आखिरी गीत मानते  हैं !

'कजरा मोहब्बत वाला' उनका गाया और रिकॉर्ड किया गया आखिरी हिंदी फ़िल्मी गीत माना जाता रहा है लेकिन उनकी साईट से जानकारी मिली है उसके अनुसार १९८१ संगीतकार प्रेम धवन  ने उनके तीन गाने फिल्म -'गंगा मांग रही बलिदान 'के लिए रिकॉर्ड किये थे .इनमें  उनका साथ अन्य कलाकारों ने भी दिय है,उन तीन गीतों में से एक यह गीत है जिसे उनका अंतिम रिकार्डेड गीत माना जा सकता है -
One of the  Last recorded 3 Songs Of Shamshaad Begum
Song - Hamne Mitane aaya jo 
Singers - Mubarak Begum and Shamshad Begum 
Film -"Ganga Mang rahi balidan' (1981)
Music :Prem Dhawan


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Friday 11 October 2013

गायक किशोर कुमार - (गायकों का पहला / आखिरी गाना-6)

जन्म : 4 अगस्त, 1929
मृत्यु : 13 अक्टूबर, 1987  

 
Kishor Kumar : First / Last Song
किशोर कुमार जी का गाया पहला प्लेबैक सोलो गीत फिल्म जिद्दी (1948) के लिए रिकॉर्ड किया गया था ! किशोर कुमार कुंदन लाल सहगल के प्रशंसक थे और उनके इस पहले गीत में किशोर दा आप को सहगल साहब की नक़ल करते हुए ही सुनायी देंगे ! सहगल साहब को किशोर दा मानस-गुरू भी कहा करते थे ! गौरतलब है कि बोम्बे टोकीज़ की  फिल्म जिद्दी के निर्देशक शहीद लतीफ़ थे, जो हिंदी-उर्दू की प्रसिद्द लेखिका इस्मत चुगताई के पति थे ! 

जिद्दी फिल्म इस्मत जी की कहानी पर बनी थी, इस फिल्म में कामिनी कौशल नायिका थीं, इस फिल्म में ही लता जी के साथ उनका पहला दोगाना भी था ! इस फिल्म ने देव आनंद को भी एक सफल अभिनेता के रूप में स्थापित किया था ! किशोर कुमार जी के  इस पहले सोलो गीत का संगीत खेमचंद प्रकाश ने दिया था ! 
First Solo Song of Kishore Kumar 
Film - Ziddi 
Music - Khemchand Prakash 
Picturised On Dev Anand
  
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यह गीत जो उनका आखिरी गीत माना जाता है,  उसे उनकी म्रत्यु से एक दिन पहले रिकॉर्ड किया गया बताया जाता है ! यह एक दोगाना है जिसे आशा जी के साथ उन्होंने गाया था ! यह फिल्म 1988 में रिलीज़ हुई थी ! अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती पर फिल्माया गया यह गीत सुनिये-  
Singers - Kishore Kumar & Asha Bhonsle 
Movie - Waqt Ki Awaaz [1988] 
Music - Bappi Lahiri 
Lyrics - Indeevar.

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इसके अलावा किशोर कुमार जी का आखिरी सोलो गीत - 'तुम ही तो हो जिसे चाहा'  अक्टूबर 1987 में मृत्यु से तीन दिन पहले ही रिकॉर्ड किया गया था ! फिल्म - खेल-तमाशा के लिए बने इस गीत को निर्माता ने कभी रिलीज़ नहीं किया, क्योंकि फिल्म ही बन नहीं सकी थी ! अगुस्त 2012 में इस गीत की नीलामी की गयी थी और गीत को उनके प्रशंसकों द्वारा 15 लाख 60 हज़ार रूपये में खरीदा गया ! इस गीत की ऑडियो हमें नहीं मिल सकी !
Last Solo Song of Kishore Kumar was sold at an auction for 15 ,60,000 Rs. 
Film- Khel Tamasha [incomplete film]

Tuesday 1 October 2013

गायक तलत महमूद - (गायकों का पहला / आखिरी गाना-5)

जन्म : 24 फरवरी, 1924 
मृत्यु : 9 मई, 1998 

Talat Mehmood : First / Last Song 
तलत महमूद जी का पहला रिकार्डेड गाना 
एक गैर फ़िल्मी गीत था 
जिसे सुबल दासगुप्ता ने संगीतबद्ध किया था : 
गीत - 'सब दिन एक समान नहीं था ……' 

Song - Sab Din Ek Samaan Nahin Tha 
Music - Subal Dasgupta
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फिल्म राजलक्ष्मी के लिए 1945 में रिकॉर्ड हुआ - 
'जागो मुसाफिर जागो, खोलो मन का द्वार …' 
तलत जी का गाया पहला फ़िल्मी गीत था :
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तलत महमूद जी की गई आखिरी ग़ज़ल 
जो एक गैर फ़िल्मी अलबम के लिए रिकार्ड हुयी थी : 
'ग़ज़ल के साज़ उठाओ बड़ी उदास है रात …'
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Saturday 28 September 2013

गायिका लता मंगेशकर - (गायकों का पहला / आखिरी गाना-4)

जन्म : 28 सितम्बर 1929 

Lata Mangeshkar : First / Last Song
संगीत प्रेमियों को लता जी के जन्मदिन की हार्दिक बधाई.

आईये सुने उनका पहला गीत जिसे उन्होंने 13 साल की उम्र में 1942 में बनी मराठी फिल्म 'पहली मंगला गौड़' के लिए गाया था ! इसी फिल्म में उन्होंने हिरोईन की बहन का रोल भी किया था ! इस फिल्म को करने के बाद वे कोल्हापुर आयीं और उन्होंने मास्टर विनायक की कंपनी में 200 रूपये महीना की पगार पर नौकरी कर ली !
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लता जी का पहला हिंदी फिल्म के लिए रिकॉर्ड हुआ गीत [ठुमरी] था -
'पा लागूं, कर जोरी,श्याम मोसे न खेलो होरी' 
फिल्म- आप की सेवा में [1947] 
संगीतकार- दत्ता दवजेकर 
गीतकार- महिपाल
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हमारी शुभकामनाएँ हैं कि 
लता जी हमेशा हमारे बीच यूँ ही गाती-मुस्कुराती रहें !

हिंदी फिल्म के लिए रिकॉर्ड किया गया 
लता जी का आखिरी गाना आज की तारीख तक 
फिल्म 'सतरंगी पैराशूट' (2011) के लिए हैं, 

80 वर्ष की उम्र में सन 2011 में रिकॉर्ड हुआ उनका यह गीत सुनिये :
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Friday 27 September 2013

गायक मुकेश - [गायकों का पहला / आखिरी गाना-3]

जन्म :  22 जुलाई 1923 
मृत्यु :  27 अगस्त 1976 

Singer Mukesh : First / Last Song 
1941 में प्रदर्शित फ़िल्म 'निर्दोष' का गीत - 'दिल ही बुझा हुआ हो तो फासले बहार क्या...'  मुकेश जी का गाया हुआ पहला गीत था ! मुकेश जी इस फिल्म के नायक थे, यह गीत उन्ही पर फिल्माया गया था ! 

NOTE : The generaly acclaimed first song of Mukesh "dil jalta hay to jalnay de" is from 1945 movie Pehli Nazar. You may call that his first famous song but not his first ever recording. 

Film - Nirdosh (1941) 
Cast - Mukesh, Nalini Jayant, Kanhaiya Lal, Agha 
Produced By - National ST. 
Directed By - Virendra Desayi 
Music By - Ashok Ghosh
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1945 में प्रदर्शित फ़िल्म 'पहली नजर' का गीत 'दिल जलता है तो जलने दे …'  पार्श्व गायक के रूप में मुकेश जी का पहला गाना था और यह अभिनेता मोतीलाल जी पर फिल्माया गया था ! 
Film - Pehli Nazar (1948) 
Music - Anil Biswas
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फ़िल्म 'सत्यम शिवम् सुन्दरम' (1978) में गाया हुआ गीत - 'चंचल शीतल निर्मल कोमल, संगीत की देवी स्वर सजनी' गायक मुकेश के जीवन का आखिरो गाना साबित हुआ ! यह गाना मुकेश जी के निधन के पश्चात रिलीज हुआ था ! 

Movie - Satyam Shivam Sundaram (1978) 
Cast - Shashi Kapoor, Zeenat Aman 
Music - Laxmikant Pyarelal 
Director - Raj Kapoor
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गायक मोहम्मद रफ़ी - [गायकों का पहला / आखिरी गाना-2]

जन्म : 24 दिसम्बर 1924
मृत्यु : 31 जुलाई 1980 

Mohammad Rafi : First / Last Song 
मोहम्मद रफ़ी जी ने शास्त्रीय संगीत की तालीम उस्ताद बड़े गुलाम अली खाँ, उस्ताद अब्दुल वाहिद खाँ, पंडित जीवन लाल मट्टू और फ़िरोज़ निजामी से हासिल की ! रफ़ी साहब जब 13 साल के थे, तब लाहौर में के.एल.सहगल के कार्यक्रम में पहली बार अपनी गायन प्रतिभा को दर्शकों के समक्ष रखा !  वहीँ उस समय के प्रसिद्द संगीतकार श्याम सुन्दर भी उपस्थित थे, वो रफ़ी की आवाज़ से बहुत प्रभावित हुए और रफ़ी को गाने का प्रस्ताव दिया ! 

मोहम्मद रफ़ी ने अपना पहला गीत - 'सोणिए नी, हीरिए नी …' श्याम सुंदर के संगीत निर्देशन में फ़िल्म गुल बलोच (1944) के लिए गाया ! मोहम्मद रफ़ी ने बम्बई आने का फैसला किया। उन्हें संगीतकार नौशाद ने फ़िल्म 'पहले आप' (1944) में गाने का मौका दिया। 

[Rafi's first song with Naushad was 'Hindustan Ke Hum Hain' with Shyam Kumar, Alauddin and others,from A.R.Kardar's Pehle Aap (1944). Around the same time, Rafi recorded another song for the 1945 film Gaon Ki Gori, 'Aji Dil Ho Kaaboo Mein'. He considered this song his first Hindi language song.]

हिन्दुस्तान के हम हैं हिंदुस्तान हमारा 
हिन्दू मुस्लिम दोनों की आँखों का तारा
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रफ़ी साहब ने आखिरी गाना गीतकार आनंद बख्शी और संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल 
के संगीत निर्देशन में फ़िल्म 'आस पास' (1981) के लिए गाया था -

'शाम फिर क्यूँ उदास है दोस्त, तू कहीं आस पास है दोस्त 
महकी महकी फिजां ये कहती है, तू कहीं आस पास है दोस्त'
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Thursday 26 September 2013

गायिका गीता दत्त - [गायकों का पहला / आखिरी गाना-1]

Geeta Dutt : First / Last Song
गीता दत्त को 1946 में 'फिल्म- भक्त प्रहलाद' में एक कोरस में कुछ पंक्तियाँ गाने को मिलीं !  सचिन देव बर्मन ने उन्हें पहला ब्रेक 'फिल्म- मेरा भाई' में दिया !  उनका गाया पहला सोलो गीत -'मेरा सुन्दर सपना बीत गया' सुपर डुपर हिट हुआ और उन्हें रातों रात देश भर में पहचान मिल गयी ! 
Movie - Do Bhai 
Singer- Geeta Dutt
Lyrics - Raja Mehdi Ali Khan
Music - Sachin Dev Burman
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गीता दत्त की मृत्यु 1972 में हुई ! इसी साल उन्होंने आखिरी गीत सुबीर सेन की 'फिल्म मिड नाईट' के लिए गाया था,  जो रिलीज़ नहीं हुआ. 
Song - Teri Yaad Men Sajan O Sajan 
Film - Midnight (1972) Unreleased
Music - Subir Sen
Lyrics - Shaili Shalendra
Director - Raju. 
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1971 में उनका रिकार्डेड और रिलीज़ हुआ गीत- 'फिल्म- अनुभव' का 'मेरी जान मुझे जान न कहो'  उनका आखिरी गीत माना जाता है !  इस गीत के संगीत निर्देशक कन्नू रॉय का कहना था कि  जिस वक़्त यह गीत रिकॉर्ड हुआ वे हस्पताल में थीं, काफी बीमार थीं, उनका इलाज चल रहा था !
Movie - Anubhav (1971)
Music - Kanu Roy
Cast - Sanjeev Kumar and Tanuja. 
Movie Directed by Basu Bhattacharya
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'फिल्म मिड नाईट' के लिए ही उनका युगल गीत तलत महमूद के साथ रिकॉर्ड हुआ था जो 1983 में रिलीज़ हो सका था !  यह उनका आखिरी युगल गीत कहा जाता है !
'तुम सा मीत मिला ...' 
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