Thursday 12 December 2013

खय्याम साहेब ने फ़िल्म में स्वयं ग़ज़ल गायी थी : हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने [15]


हिंदी फिल्म जगत में खय्याम साहब का अपना एक अहम् मुकाम है, वे एक बहुत ही उम्दा संगीतकार हैं ! हिंदी फिल्म संगीत के शौक़ीन यह भी जानते हैं होंगे कि गायिका जगजीत कौर उनकी पत्नी हैं !

क्या आप जानते हैं कि खय्याम साहेब ने एक फ़िल्म में ग़ज़ल भी गायी थी ?

आईये आज आपको फैज़ अहमद फैज़ की लिखी एक बेहद खूबसूरत ग़ज़ल को खय्याम साहब के संगीत  निर्देशन में संगीतबद्ध उनकी ही आवाज़ में सुनवाते हैं, जिसे फिल्म अंजुमन (1986) के लिए रिकॉर्ड किया गया था, हालांकि ये फिल्म कभी रिलीज़ नहीं हो पायी ! इस ग़ज़ल में स्वर स्वयं खय्याम साहब और उनकी पत्नी गायिक जगजीत कौर के हैं !
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कब याद में तेरा साथ नहीं, कब हाथ में तेरा हाथ नहीं
सद शुक्र के अपनी रातों में, अब हिज्र की कोई रात नहीं
Kab Yaad Mein Tera Saath Nahin, Kab Haath Men Tera Haath Nahin
Sad-Shuqra Ke Apni Raaton Maen, Ab Hizra Kee Koyi Raat Nahin

Singer : Khaiyyam and Jagjit Kaur
Movie : Anjuman(1986) [Unreleased]
Music : Khaiyyam
Poet : Faiz Ahmed Faiz
Film Director : Muzaffar Ali
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2 comments:

  1. sabhi ghazal behtrin hai sir aap ki :)

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  2. wah wah ....ye hain aaj ke fankaar ..bahut wazan hai inki gaayaki mein..

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