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Friday 27 December 2013

नौशाद के साथ : गीता दत्त की आवाज़ में दुर्लभ गीत

हिंदी सिनेमा के  दुर्लभ गीत [19]
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संगीतकार नौशाद के निर्देशन में गीता दत्त जी ने केवल दो गीत गाये ! 
एक 1949 में रिकॉर्ड हुआ, दूसरा सन 1962 में !
1st - Song :
Tu Mera Chand Main Teri Chandani
Film - Dillagi[1949]
Music - Naushad
Lyrics - Shakeel
Singers - Shyam and Geeta Dutt
आश्चर्य है कि इस गीत को रिकॉर्ड में नहीं रखा गया, मगर फिल्म के साउंड ट्रेक में उपलब्ध है, जहाँ इसे श्यामा पर फिल्माया है ! इसलिए भी गीता जी वाला गीत नहीं सुना गया और सुरैया का गाया गीत ही अधिक लोकप्रिय हुआ !

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2nd - Song :
 Mujhe Huzoor Tumse Pyar Hai
Film - Son of India [1962]
Music - Naushad
Lyrics - Shakeel
Singers -Geeta Dutt
यह गीत बेहद-बेहद खूबसूरत है, 
सुनकर आप का भी मन ज़रूर करेगा इसे बार-बार सुनते रहने का ! 
इस गीत को सुनकर नौशाद साहब ने कहा था कि 
उन्हें अफ़सोस है कि उन्होंने गीता जी से गीत क्यूँ नहीं गवाए !
रोचक बात यह भी है कि इस गीत को
पुर्तगाल के  ज़ैप कम्पनी के विज्ञापन में  
इस्तमाल किया गया है !
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End
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Thursday 26 December 2013

अनिल बिस्वास के स्वर में एक गीत : हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने

हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने [18]
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Music Director Anil Biswas as a Singer 
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अनिल बिस्वास (7जुलाई, 1914 - 31मई, 2003) को हिन्दी फ़िल्म संगीत का पितामह कहा जाता है ! 1965 में बनी फ़िल्म 'छोटी छोटी बातें' उनकी अंतिम फिल्म थी ! उनकी पत्‍नी गायिका मीना कपूर एक बहुत अच्छी गायिका भी थीं ! संगीतकार जोड़ी अमर-उत्पल (अमर बिस्वास और उत्पल बिस्वास) उनके बेटे  हैं !

मुकेश और तलत को गाने का ब्रेक देने वाले अनिल बिस्वास जी खुद बहुत अच्छे गायक थे ! परन्तु एक घटना के बाद उन्होंने अपने आप से वायदा किया की वह केवल संगीतकार बने रहेंगे गायक नहीं ..!  घटना खूब उन्होंने एक इंटरव्यू में बताई थी वह इस प्रकार है 'जब मैं मुकेश को ट्राई कर रहा था तो उसे एक गीत 'नयन उसके नयन' गाना था। मैं कोशिश कर रहा था कि मुकेश इसको गा ले।

दो–तीन दिन तक मैं प्रयास  करता रहा। इधर महबूब मेरे पीछे पड़ा था कि जल्दी करो। उसकी जल्दबाजी से तंग आकर मैंने मुकेश से कहा, "तू हट, मैं गाता हूँ", मैंने वह गाना गा दिया। दूसरे दिन सबने वह गाना सुना। सबको पसंद आया। सुनने के बाद मुकेश ने मुझसे कहा, "दादा आप गाना खुद बनाएँगे, खुद गाएँगे तो आपसे बेहतर कोई उसकी व्याख्या नहीं कर सकता। तो इसका क्या यह मतलब है कि हम कभी आपके बनाए हुए गानों को नहीं गा सकेंगे।" उसकी बात से जैसे एक जोरदार घूँसा लगा मेरे दिल के ऊपर। 

रात में मैं इसी घटना पर विचार करता रहा और उसके बाद मैंने यह निश्चय कर लिया कि अब व्यावसायिक रूप में कुछ नहीं गाऊँगा, सिर्फ संगीत निर्देशक बना रहूँगा। हालाँकि मैं अब भी गाता हूँ, अब भी गुनगुनाता हूँ लेकिन वह अपने शौक के लिए है, अपने सुख के लिए, जिसे स्वातः सुखाय कहते हैं।''
आईये उन्हीं की आवाज़ में एक दुर्लभ गीत सुनते हैं-

Song - Saare Jag Men Pet Ka Dhandha
गाना - 'सारे जग में पेट का धंधा '
फिल्म -  भूख [1947]
गीतकार - सफ़दर
संगीतकार और स्वर-  अनिल बिस्वास
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End
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Monday 16 December 2013

जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं : मन्ना डे की आवाज़ में दुर्लभ गीत [17]

हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने - [17] 
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स गीत को आपने रफ़ी की आवाज़ में बहुत बार सुना होगा ! 

ज हम आप को यही गीत, जो पहले मन्ना डे के स्वर में रिकॉर्ड हुआ था, मगर फिल्म के नायक गुरुदत्त पर आवाज़ सूट न कर पाने के कारण गीत को रफ़ी की आवाज़ में रिकॉर्ड किया गया ! साहिर के लिखे इस गीत की ख़ास बात थी की 50 के दशक में ऐसा क्रांतिकारी गीत लिखने का कोई तो कारण रहा होगा, जिसने कवि की लेखनी को मजबूर कर दिया, लोग बताते हैं कि तत्कालीन सरकार ने इस गीत पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की थी और उस साल प्यासा फिल्म को बेहतरीन होने के बावजूद कोई पुरस्कार नहीं मिल पाया ! साहिर के लिखे इस गीत में लिखे शब्द सच्चाई बयां कर रहे हैं :
ये कूचे, ये नीलाम घर दिलकशी के, ये लुटते हुए कारवां ज़िंदगी के
कहाँ हैं, कहाँ हैं मुहाफ़िज़ खुदी के, जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं,
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं

ये पुरपेंच गलियां, ये बदनाम बाज़ार, ये गुमनाम राही, ये सिक्कों की झनकार,
ये इसमत के सौदे, ये सौदों पे तकरार, जिन्हे नाज़ है …
ये सदियों से बेखौफ़ सहमी सी गलियां, ये मसली हुई अधखिली ज़र्द कलियां
ये बिकती हुई खोखली रंगरलियाँ, जिन्हे नाज़ है …

वो उजले दरीचों में पायल की छन-छन, थकी हारी सांसों पे तबले की धन-धन
ये बेरूह कमरों मे खांसी की ठन-ठन, जिन्हे नाज़ है …
ये फूलों के गजरे, ये पीकों के छींटे, ये बेबाक नज़रे, ये गुस्ताख फ़िक़रे
ये ढलके बदन और ये बीमार चेहरे, जिन्हे नाज़ है …
यहाँ पीर भी आ चुके हैं, जवां भी, तन-ओ-मन्द बेटे भी,अब्बा मियाँ भी
ये बीवी है और बहन है, माँ है,, जिन्हे नाज़ है …

मदद चाहती है ये हव्वा की बेटी, यशोदा की हम्जिन्स राधा की बेटी
पयम्बर की उम्मत ज़ुलेखा की बेटी, ज़रा इस मुल्क के रहबरों को बुलाओ,
ये कूचे ये गलियां ये मंज़र दिखाओ, जिन्हें नाज़ है हिन्द पर उनको लाओ,
जिन्हे नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं…

कवि - साहिर लुधियानवी
फिल्म - प्यासा [1957]
संगीतकार - सचिनदेव बर्मन
स्वर - मन्ना डे 
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Saturday 14 December 2013

आठ वर्षीय मीना कुमारी का गाया गीत : हिन्दी सिनेमा के दुर्लभ गाने [16]


'ट्रैजेडी क्वीन' के नाम से मशहूर मीना कुमारी भारतीय हिन्दी सिनेमा की एक बहुत खूबसूरत और क़ाबिल अभिनेत्री थीं। उनका असली नाम माहजबीं बानो था। बंबई में पैदा हुई थीं, उनके पिता अली बक्श पारसी रंगमंच के एक मँजे हुये कलाकार थे और उन्होंने कुछ फिल्मों में संगीतकार का भी काम किया था। टैगोर परिवार से ताल्लुक रखने वाली उनकी माँ प्रभावती देवी (इकबाल बानो), भी एक मशहूर नृत्यांगना और अभिनेत्री थीं । इस तरह फ़िल्मी दुनिया उनके लिए कभी नयी नहीं थी।

अभिनेत्री के रूप में उन्हें कौन नहीं जानता 
लेकिन उनके गीतों के बारे में आप कितना जानते हैं ?

मीना का जन्म 1932 में हुआ था, उन्हें बाल कलाकार के रूप में अभिनय और गाना गाने का पहला अवसर फिल्म 'बहन' में मिला, जो 1941 में रिलीज़ हुई थी !

इस वीडिओ क्लिप में आठ वर्षीय नन्हीं मीना को अभिनय करते व गाते हुए देखिये -

Movie --- Bahen
Singer --- Meena Kumari 
Lyrics --- Safdar Aah Sitapuri
Music --- Anil Biswas
Year --- 1941


[मीना कुमारी के गाये अन्य दुर्लभ गीत भी हम अगली किसी पोस्ट में  सुनाएँगे]
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Thursday 12 December 2013

खय्याम साहेब ने फ़िल्म में स्वयं ग़ज़ल गायी थी : हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने [15]


हिंदी फिल्म जगत में खय्याम साहब का अपना एक अहम् मुकाम है, वे एक बहुत ही उम्दा संगीतकार हैं ! हिंदी फिल्म संगीत के शौक़ीन यह भी जानते हैं होंगे कि गायिका जगजीत कौर उनकी पत्नी हैं !

क्या आप जानते हैं कि खय्याम साहेब ने एक फ़िल्म में ग़ज़ल भी गायी थी ?

आईये आज आपको फैज़ अहमद फैज़ की लिखी एक बेहद खूबसूरत ग़ज़ल को खय्याम साहब के संगीत  निर्देशन में संगीतबद्ध उनकी ही आवाज़ में सुनवाते हैं, जिसे फिल्म अंजुमन (1986) के लिए रिकॉर्ड किया गया था, हालांकि ये फिल्म कभी रिलीज़ नहीं हो पायी ! इस ग़ज़ल में स्वर स्वयं खय्याम साहब और उनकी पत्नी गायिक जगजीत कौर के हैं !
.
कब याद में तेरा साथ नहीं, कब हाथ में तेरा हाथ नहीं
सद शुक्र के अपनी रातों में, अब हिज्र की कोई रात नहीं
Kab Yaad Mein Tera Saath Nahin, Kab Haath Men Tera Haath Nahin
Sad-Shuqra Ke Apni Raaton Maen, Ab Hizra Kee Koyi Raat Nahin

Singer : Khaiyyam and Jagjit Kaur
Movie : Anjuman(1986) [Unreleased]
Music : Khaiyyam
Poet : Faiz Ahmed Faiz
Film Director : Muzaffar Ali
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Friday 6 December 2013

हिंदी फिल्मों में पार्श्वगायन के रूप में पहला गाना : हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने - 14

First Use of Playback Singing in Indian Films
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हिंदी फिल्मों में पार्श्वगायन (Playback Singing) 1935 में शुरू हुआ, जब ऐसे कलाकारों ने प्रवेश किया जो अभिनय तो नहीं करते थे, लेकिन गायन करते थे ! इनमें शमशाद बेगम, जुथिका रॉय, गीता रॉय [दत्त], पारुल घोष आदि गायिकाएँ थीं !

[First use of playback singing in Indian films were in films directed by Nitin Bose in 1935 : first in 'Bhagya Chakra', a Bengali film and later in the same year, in its Hindi remake 'Dhoop Chhaon'.]

नितिन बोस की फिल्म 'धूप -छाँव' के इस गाने को 
पार्श्व गायन की शुरुआत का श्रेय जाता है :
प्रेम की नैय्या चली जल में मोरी
Prem ki naiyya chali jal mein mori

Film : Dhoop Chhaaon (1935)
Singers : Pahadi Sanyal and Uma Shashi
Music Composer : RC Boral
Lyrics : Pt Sudarshan
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Sunday 27 October 2013

पंडित जसराज जी का फ़िल्म के लिए गाना : (हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने- 13)


जो आवाज़ हम आप को आज सुनवाने जा रहे हैं वह किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं फिर भी हम बता दें कि यह  हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत शैली के  दिग्गज, पद्म विभूषण से सम्मानित संगीत मार्तांड पंडित जसराज जी की आवाज़ है !

यह विक्रम भट्ट द्वारा निर्देशित फिल्म '1920' (2008) थी ! यह पंडित जसराज जी का एकमात्र सोलो गीत है जिसे उन्होंने किसी फिल्म के लिए विशेष रूप से गाया ! इसीलिये हमने इसे दुर्लभ गीत की श्रेणी में रखा है !

इस गीत के संगीतकार अदनान सामी और गीतकार समीर हैं ! 
आप भी इस गीत को सुनिए …. बहुत सुन्दर और रोमांटिक गीत बन पड़ा है :

Song : Vaada Tumse Hai Vaada ...
Film Director : Vikram Bhatt
Music Director : Adnan Sami
Lyrics By : Sameer
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Thursday 17 October 2013

फिल्म- 'मेरा नाम जोकर' के अनरिलीज़्ड गीत: (हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने- 12)


1-'गाओ गाओ झूम के गाओ, भूल दर्द ग़म मुस्कुराओ ..'
यह गीत राजकपूर की फिल्म मेरा नाम जोकर से है जिसकी जानकारी और गीत दोनों ही पार्श्वगायिका शारदा जी ने स्वयं ये गीत श्री सुदर्शन पाण्डेय जी को दिए  हैं  ! शारदा जी के तीन गाने इस फिल्म के लिए रिकॉर्ड हुए थे लेकिन कोई भी गीत फिल्म में नहीं रखा गया ! यह गीत मुकेश और शारदा की आवाज़ में है, संगीत शंकर जयकिशन का है और 'हँसी' सिमी ग्रेवाल की है !

Song 1- 
Gaao Gaao Jhoom Ke Gaao Bhool Dard Gham Muskuraao
Film - Mera naam joker (1970)
Lyrics - Hasrat Jaipuri
Music - Shankar Jaikishan
Singes - Mukesh and Sharda
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2-  मेरे अलीबाबा तू अलबेला जादूगर ...'
यह एक अन्य गीत है जो इसी फिल्म का है शारदा जी की आवाज़ में है 
इसे भी फिल्म में नहीं रखा गया ... सुनिये--
Song 2-
Mere Ali Baba Tu Albela Jadugar
Film - Mera naam joker (1970)
Lyrics - Hasrat Jaipuri
Music - Shankar Jaikishan
Singes - Sharda
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Wednesday 16 October 2013

सबसे पहले रेकॉर्डेड गीत : (हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने -11)

हिंदी  फिल्म इतिहास के 
पहले चार रिकॉर्ड हुए गीतों में से दो गीत 

गीत- 'परमुख बनी तू कमला' और  'अहंकार कर के' 

1931 में पहली बोलती फिल्म आलम आरा रिलीज़ हुई थी दुर्भाग्य से जिसकी सभी रीलें आग में जलने के कारण नष्ट हो गयी थीं.उस फिल्म में  6 गाने थे वे सभी आग में नष्ट हो गए.क्योंकि फिल्म के गीतों के रिकॉर्ड बनाने का विचार किसी को नहीं आया था ! 1932 में एक ट्रायल के रूप में माधुरी फिल्म के चार गीतों को रिकॉर्ड पर लाने की योजना बनाई गयी !

इस फिल्म का गीत HMV द्वारा हिंदी फिल्म का पहला रेकॉर्डेड गीत 'सरिता सुगंध शोभे वसंत' है जिसे विनायक राव पटवर्धन (जो फिल्म के नायक भी थे) ने गाया था ! फिल्म इतिहास का पहला  और दूसरा गीत जिस रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड हुआ था उसकी प्रति कहीं भी उपलब्ध नहीं है ,जो दो गीत दुसरे रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड हुए थे वे  अंतर्जाल पर उपलब्ध हैं ! आज  दुर्लभ गीतों की शृंखला में  वे दोनों  गीत प्रस्तुत करते हैं  -

Two Songs From the First four recorded film songs

1-Song - Parmukh bani tu kamla  
Film - Madhuri (1932)
Singer - Vinayakrao Patwardhan
Music - Pransukhlal Nayak
Lyricist - Unknown
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2- Song - Ahankaar kar ke 
Film - Madhuri (1932)
Singer - Vinayakrao Patwardhan
Music - Pransukhlal Nayak
Lyricist - Unknown
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गुलज़ार का अनरिलीज़्ड गाना : (हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने- 10)

Unreleased Song of Gulzar 
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'शाम से आँख में नमी-नमी सी है ,आज फिर आप की कमी-कमी  सी है'
गुलज़ार साहब की लिखी हुई इस ग़ज़ल को आप ने जगजीत सिंह जी की आवाज़ में सुना होगा, लेकिन हम आप को सुनवायेंगे इसी ग़ज़ल को मुकेश जी के स्वर में ! फिल्म - 'मिटटी का देव' बहुत ही अच्छी फिल्म बनी थी लेकिन रिलीज़ होने से पहले ही इस फिल्म के सभी नेगेटिव व गीत आदि आग की भेंट चढ़ गए ! 

सलिल चौधरी जी कि साईट पर दिए विवरण के अनुसार यह संजीव कुमार के बेहतरीन अभिनय वाली एक बेहतरीन फिल्म थी, सलिल चौधरी जी के भाई ने यह फिल्म बनाई थी ! इस फिल्म का एक गीत जिसे मुकेश जी ने गाया था, आप के लिए यहाँ प्रस्तुत है -

Song - Shaam se aankh mei nami-nami si hai
                Aaj phir  aap ki   kami-kami si hai  
Movie - Mitti Ka Dev (1968)
Singer - Mukesh
Music - Salil Chowdhury 
Lyrics - Gulzar
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ज्ञात हो कि जगजीत सिंह के अतिरिक्त यह ग़ज़ल अलबम 'दिल पडोसी है' के लिए 
आशा भोसले जी ने भी राहुल देव बर्मन के संगीत निर्देशन में गाई है ! 
जिसे आप यहाँ सुन सकते हैं - 

Tuesday 15 October 2013

फिल्म 'मुग़ले आज़म' का अनरिलीज़्ड गाना : (हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने-9)

Unreleased Song of Film Mughal-E-Aazam
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गीत - 'हुस्न की बारात चली मौसमे बहार में'

बताया जाता है कि फिल्म मुगले आज़म की एडिटिंग के समय 
फिल्म की लम्बाई अधिक होने के कारण इस गीत को हटा दिया गया था !

Song - Husn kii barat chali Mausm E bahar mein
         Film - Mughal-E -Azam [1961]
Lyrics - Shakeel Badayuni
Music - Naushad Ali Khan..
   Singers - Lata and Shamshaad
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Sunday 13 October 2013

लता-सुमन का एकमात्र युगल गीत : हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने -8

The only 'duet' of Suman and Lata

सुमन कल्यानपुर और लता जी की आवाजें 1950 और 60 के दशक तक के गानों में बेहद समनाता लिए हुए सुनायी देती थीं ! सुमन जी की आवाज़ 70 के गीतों में थोडा अलग सुनायी देने लगी थी !


सुमन जी का फिल्म इंडस्ट्री में गायिका के रूप में आना तत्कालीन लता विरोधियों के लिए एक वरदान जैसा था ! सुमन और लता की आवाज़ में बेहद समानता होने के कारण शायद उनसे ड्युट नहीं गवाए गए होंगे .... 'ऐसा मुझे लगता है' इन दोनों सुरीली आवाजों को आप इस गाने में सुनेंगे तो अंतर ही नहीं कर पायेंगे कि दो  अलग -अलग गायिकाओं ने गाया है ! दुर्लभ गीत इसलिए भी है कि ये ही एकमात्र युगल गीत है, जिसमें उन दोनों ने एक साथ फिल्म 'चाँद' में गाया था ! साथ ही यह एकमात्र फिल्म है जिस में गीतकार शैलेन्द्र और हेमंत कुमार ने एक साथ काम किया !

[ऐसा कहा जाता है कि इन दोनों ने फिल्म ग़ज़ल के लिए भी साथ गाया था, लेकिन किसी कारण से वह फिल्म में नहीं लिया गया और न ही उसका कोई ऑडियो मौजूद है फिल्म ग़ज़ल में उनके हिस्से को मीनू पुरषोत्तम से गवाया गया और वही  फिल्म में प्रयुक्त हुआ.]

गीत--'कभी आज कभी कल कभी परसों '
SongKabhi Aaj Kabhi Kaal Kabhi Parso Aise Hi Beete Baarson
 Film: Chand (1959)
Singers: Lata Mangeshkar And Suman Kalyanpur
Music-Hemant Kumar
Lyricist-Shailendra
Picturised on  Helen, Sheila Vaaz
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महेंद्र-रफ़ी का युगल गीत : हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने -7

Only Duet of Rafi and Mahendra Kapoor
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महेद्र कपूर जो रफी साहब को हमेशा अपना गुरु मानते रहे थे ! उनके साथ रफ़ी साहब का एक ही दोगाना फिल्म आदमी के लिए रिकॉर्ड हुआ था ! रफ़ी साहब और उनकी आवाज़ काफी मिलती जुलती थी जिसे उनके युगल गीत ना गाने का एक  कारण बताया जाता था, लेकिन फिर भी एक गीत ऐसा बन ही गया जिस में इन दोनों गायकों को साथ गवाया !

फिल्म आदमी का गीत 'कैसी  हसीन रात' को तलत महमूद और रफ़ी साहब के साथ रिकॉर्ड किया गया था, परन्तु मनोज कुमार ने तलत जी की आवाज़ खुद पर सूट न करने की वजह बता कर महेंद्र जी की आवाज़ में रिकॉर्ड करवाए जाने की विनती की ! महेंद्र जी ने तलत जी से अनुमति ली और उस के बाद ही अपने मानस गुरू रफी के साथ इस गीत को गाया !

यह गीत अपने आप में एक इतिहास बना गया क्योंकि यह  इन दोनों महान गायकों का एक मात्र युगल गाना है,  इसी लिए हमने इसे दुर्लभ गीत की श्रेणी में रखा है -

तलत और रफ़ी का वर्शन आप यहाँ सुन सकते हैं -  
http://www.raaga.com/play/?id=102725

हम आप को यहाँ सुनवा रहे हैं - महेंद्र-रफ़ी का यह गीत :
Song - Kaisee haseen raat hai
Movie - Aadmi (1968)
Singer(s) - Mohammad Rafi, Mahendra Kapoor
Music - Naushad
Lyricist - Shakeel Badayuni
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Thursday 3 October 2013

महात्मा गांधी जी का लिखा एक गीत : हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने - 6

Hindi Song : Written By Mahatma Gandhi 

महात्मा गांधी जी का लिखा एक गीत सुनेंगे ? 
जी हाँ आप ने बिलकुल सही पढ़ा, आज जो गीत हम आप को सुनाने जा रहे हैं,  उसके गीतकार महात्मा गांधी जी ही हैं ! सर्वविदित है कि गांधी जी फिल्मों की चमक -दमक से दूर थे उन्हें फिल्में पसंद ही नहीं थीं ! गांधी जी ने अपने जीवन काल में सिर्फ एक ही फ़िल्म - राम राज्य (1943) देखी थी ! 

यह गीत 1969 में रिकॉर्ड हुआ था ! महाराष्ट्र सरकार ने गांधी जी की जयंती पर रिलीज़ किया था ! इस गीत को मन्ना डे ने वसंत देसाई के संगीत निर्देशन में गाया है ! क्या यह कोई भजन है ? नहीं...यह न भजन है न गीत ...यह जो गीत के रूप में आप सुनेंगे, वह गांधी जी के लिखे एक पत्र का  मैटर है ! यह पत्र उन्होंने मणिबेन पटेल के सवालों के उत्तर में लिखा था ! मणिबेन पटेल सरदार पटेल की बेटी थीं ! मणिबेन ने गांधी जी से ईश्वर के बारे में प्रश्न किये थे कि वह कहाँ रहता है ? कैसा दिखता है? क्या मुझे मिल सकता है ? आदि …आदि !!

यह पत्र मधुकर राव चौधरी जी को मिला था वे उस समय Gandhi Centenary Committee के अध्यक्ष थे ! संगीतकार वसंत देसाई महराष्ट्र सर्कार के सांस्कृतिक विभाग से जुड़े थे जिनसे चौधरी जी ने निवेदन किया कि इस पत्र के मेटर को संगीत दे कर गीत बनायें, और गीत बना भी .. गाना रिकॉर्ड हुआ ! सरकार ने इस रिकॉर्ड की कई कापियां बनवाईं, लेकिन गोदामों में पड़ी रहीं, जहाँ से वे मुबई के चोर बाज़ार में पहुँचीं और वहां से रिकॉर्ड जमा करने के शौक़ीन लोगों ने अपने पास संभाल कर रख लिया !
[यह जानकरी डॉ.सुरेश चान्द्वंकर जी द्वारा अक्टूबर 2008 में दिए कथन से ली गयी है] 
आईये सुने यह गीत मन्ना डे के स्वर में -- 
हे नम्रता के सम्राट [1969] 
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हे नम्रता के सम्राट 
दीन भंगी की हीन कुटिया के निवासी 
हमें वरदान दे कि सेवक और मित्र के नाते 
जिस जनता की हम सेवा करना चाहते हैं 
उससे कभी अलग न पड़ जायें। 
हमें त्याग, भक्ति और नम्रता की मूर्ति बना 
ताकि देश को हम ज़्यादा समझें 
और ज़्यादा चाहें।
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 इसी गीत को एक बार फिर नए संगीत में तैयार किया गया, 
यह भी सुनिये - 
हे नम्रता के सागर - [2008] 
Crossfire Films video directed by George Mangalath Thomas 
 Written by Mahatma Gandhi 
Music Composed By Ilayaraja
Sung By Bhimsen Joshi and Pandit Ajoy Chakravarty 
Recited by Amitabh Bachchan
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Tuesday 24 September 2013

फिल्म पाकीज़ा का गाना और शमशाद बेगम : हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने- 5

Inhi Logon Ne Le Leena Dupatta Mera 


"इन्हीं लोगों ने ले लीना दुप्पट्टा मेरा ...."  जब इस गीत की बात आती है तो ज़हन में पाकीज़ा फिल्म और अदाकारा मीना कुमारी पर फिल्माया हुआ लता जी का गाया गीत याद आता है ! मगर क्या आप जानते हैं कि इस गाने को फिल्म -हिम्मत के लिए शमशाद बेगम ने 1941 में गाया था !  देखें इस दुर्लभ गीत को -

Film - Himmat (1941)
Directed by Roop K.Shoorey 
Produced by Kamal.M 
Song filmised on Manorma. 
Others in the Cast are Ragini, Majnu,Zahoor shah, Radha 
Singer - Shamshad Beagm 
Music - Pandit Govindram 
Lyricist - Aziz kashmiri 

This is Shamshad Begum 2nd film first being Khzanchi (1941)
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Sunday 22 September 2013

मोहम्मद रफ़ी ने जब अंग्रेजी में गाया : हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने- 4

English Song By Mohammad Rafi 

सन 1965 में मोहम्मद रफ़ी साहब लन्दन शो करने गए थे,  जहाँ उन्होंने दो अंग्रेजी गीत गाये !  इनके बोल अंग्रेजी में हरेन्द्रनाथ चटोपाध्याय जी ने लिखे,  रफ़ी साहब ने उर्दू में उन्हें लिखा और अभ्यास किया था और नतीजा ... अपने गीतों से वहाँ के अँगरेज़ श्रोताओं को मन्त्र मुग्ध कर दिया ! 

आप भी सुनिये- 
यह गीत बहारों फूल बरसाओ' की धुन पर है.... 
Song-- Although We Hail From Different Land 
We Share One Earth And Sky And Sun, 
Remember Friends, The World Is One ........
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यह गीत 
'हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं' की धुन पर है.. 
Song- 
I love her, love her, love her, love her, so will you,
The she I love is a beautiful, beautiful dream comes through.
Because she thinks it pleases me,
Like a cat, rat she seizes me,
She tickles me, she teases me,
She warms me up, she freezes me .... 
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Friday 20 September 2013

हिंदी फिल्म का पहला अंग्रेजी गाना : हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने- 3

First English Song of Hindi Cinema 

हिंदी फिल्मों का पहला अंग्रेजी गाना कौन सा है ?  अगर यह प्रश्न लोगों से पूछा जाता है तो अक्सर यही जवाब मिलता है कि प्रीती सागर का' माई हार्ट इज बीटिंग' [फिल्म -जूली]  ........ लेकिन यह जवाब सच नहीं है !

पुराने समय की फिल्म अभिनेत्री देविका रानी ने एक अंग्रेजी गीत गाया था : 
Now The Moon Her Light Has Shed 
जिसे 1933 की फिल्म कर्मा के लिए रिकॉर्ड किया गया था ! 
आप भी सुनिये यह दुर्लभ गीत- 
Singer - Devika Rani
Film - Karma
Year - 1933
Music - Ernst Broadhurst and Roy Douglas

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Saturday 14 September 2013

फिल्म प्यासा का अनरिलीज़्ड गाना : हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने- 2

Rare Hindi Song (2) 

Unreleased Song of Film Pyasa (1957) 
Singer - Geeta Dutt
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फिल्मों में अक्सर ऐसा होता है कि गाने फिल्म बनने से पहले ही रिकॉर्ड किये जाते हैं, मगर सभी गाने फिल्म में ले लिए जाएँ ऐसा हमेशा नहीं होता ! ऐसा ही कुछ प्यासा फिल्म में भी हुआ ! 

 गुरुदत्त ने गीता दत्त का गाया गीत जिसका संगीत सचिन देव बर्मन ने दिया था उसे फिल्म में नहीं रखा गया ! इस गीत के बोल संगीत बेहद सुन्दर है और गीता दत्त की गायकी ने चार चाँद लगा दिए ! मेरे ख्याल में इस गीत को फिल्म में रखा जाना चाहिए था,  आप भी सुनिए- 

 ऋतु फिरे पर दिन हमारे फिरे न फिरे न ... 
Singer : Geeta Dutt
Film : Pyaasa
Year : 1957
Lyrics : Sahir Ludhianvi
Music : SD Burman

Wednesday 11 September 2013

एस डी बर्मन और मीरा दत्ता रॉय : हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने- 1

Singer : 
S.D.Burman & Meera Dutt Roy
Rare Hindi Song (1) 
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एस.डी.बर्मन & मीरा दत्त रॉय
एस डी बर्मन (सचिन देव बर्मन) की धर्मपत्नी मीरा दत्ता रॉय ने बंगाली फिल्मों में कई गाने गाये थे ! मीरा बर्मन जी ने कई बार सचिन दा को संगीत बनाने में सहायता की, परन्तु उनके निर्देशन में हिंदी में जब गीत गाया था तब वे बंगला फिल्मों में एक जाना माना नाम थीं ! 

सचिन दा उनसे एक संगीत सम्मलेन में मिले थे जहाँ वे दोनों ही परफोर्म करने आये थे ! सचिन दा एक शाही खानदान से थे और मीरा जी को प्रेमविवाह घर वालों की मर्ज़ी के विरुद्ध करना पड़ा ! मीरा जी रबीन्द्र संगीत की जानकार थी और विवाह के बाद बोम्बे आकर उन्होंने हिन्दुस्तानी संगीत भी सीखा था ! पहले पति फिर बेटे को खोने के बाद वे मानसिक रूप से अस्थिर हो गयीं और अंतिम समय तक आशा भोसले जी के पास ही रहीं ! एक बेहद खुबसूरत आवाज़ और व्यक्तित्व की मल्लिका को हार्दिक नमन ! 

 यहाँ आप एस डी बर्मन और मीरा दत्ता रॉय की आवाज में एक गैर-फिल्मी हिंदी गाना सुनिए :