Friday 20 December 2013

गायिका राजकुमारी दुबे : (गायकों का पहला / आखिरी गाना- 12)

गायकों का पहला / आखिरी गाना- 12
--------------------------------------------------
Rajkumari Dubey : First / Last Song 
--------------------------------------------------------------------------------------------------------
बोलती फिल्मों के साथ गायक सितारों का चलन हुआ, लेकिन जल्द ही यह युग समाप्त हुआ और पार्श्वगायन युग का आरम्भ हुआ, जिस के शुरूआती कलाकारों में एक 'राजकुमारी दुबे' थीं। उन्हें पहली महिला पार्श्व गायिका भी कहा ही जा सकता है क्योंकि उनका पहला पार्श्वगीत 1940 में रिकॉर्ड हुआ था 

राजकुमारी का जन्म 1924 में हुआ था, उन्हें कभी संगीत शिक्षा नहीं मिली, लेकिन परिवार का सहयोग हमेशा रहा ! जब वे मात्र 10 वर्ष की थीं तब 1934 में उन्होंने एच.एम्.वी के लिए अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया ! उस गाने की रिकॉर्डिंग तो नहीं मिल पायी है ! कहा जाता है राजकुमारी जी का वह गीत कहीं उपलब्ध नहीं है, एक कार्यक्रम में उनसे सुनाने को कहा तो उन्हें भी ठीक से वह गीत याद नहीं आया ! हम उनका रिकॉर्ड किया दूसरा गीत सुनवा रहे हैं जो उन्होंने फिल्म 'लाल चिट्ठी' के लिए 1934 में गाया था .ज्ञात हो कि उन्होंने एक स्टेज कलाकार के तौर पर अपना करियर शुरू किया था  वर्ष 1933 में फिल्म 'आंख का तारा', 'भक्त और भगवान', 1934 में लाल चिट्ठी, मुंबई की रानी और 'शमशरे आलम' में उनके गीतों ने काफी धूम मचा दी थी

संगीत की औपचारिक शिक्षा न होते हुए भी वे मुश्किल से मुश्किल संगीत रचना को गा दिया करती थीं, जिससे उन्हें संगीत में तालीमशुदा ही समझा जाता था  उनके गीत बहुत लोकप्रिय हुआ करते थे, उनमें कुछ ये हैं- 'सुन बैरी बलमा कछू सच बोल', नजरिया की मारी-मरी मोरी दइया', 'मुझे सच सच बता दो कब मेरे दिल में समाए थे', 'जब तुम पहली बार देखकर मुस्कराए थे', 'आंख गुलाबी जैसे मद की प्यालियां', जागी हुई आंखों में है शरम की लालियां', 'एक तीर चला और घबरा के जो हम सर को टकरायें तो  अच्छा हो', 'चुन चुन घुंघरवा' आदि आज भी पुराना संगीत सुनने वालों में राजकुमारी का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता हैउन्हें बाद के सालों में फ़िल्मी दुनिया की उपेक्षा का शिकार होना पड़ा एक बार नौबत यहाँ तक आ गयी थी कि पाकीज़ा के एक गीत में उन्हें कोरस में गाना पडा, जिसे देखकर नौशाद साहब का दिल भर आया और उन्होंने उन्हें एक ठुमरी फिल्म में गाने को दी  सच है समय सदा एक सा नहीं रहता और फ़िल्मी दुनिया कब किस की अपनी रही है ?

Title : Kudrat Hai Rab Ki Nyaari
Vocals : Rajkumari Dubey
 Film : Laal Chitthi alias Red Letter (1935)
 Music : Lallubhai Nayak
Lyrics : ?

====================================================

राजकुमारी जी का गाया आखिरी गीत 
Last Song

 Song - Hari Din To Beeta Shaam Huyi 
Singer - Rajkumari 
Film - Kitaab [1977]
 Music - RD Burman
 Lyrics - Gulzar
===================================================

राजकुमारी जी ने हर तरह के गीत गाये थे ! टी वी कार्यक्रम की इस क्लिप
में आप उनकी आवाज़ में गीत और उनकी बातें सुन सकते हैं !
उनकी मृत्यु सन 2000 में हो गयी थी !
================================================

Thursday 19 December 2013

गीता दत्त के दो गीत फिल्म चोरी-चोरी से : गीत वही अंदाज/आवाज़ अलग - [1]

गीत वही अंदाज अलग - [1] 
----------------------------------------------


गीता दत्त के इन गीतों को नेट पर इत्तेफ़ाक से सुना तो लगा कि यूँ ही उन्हें भाव गायिका नहीं  कहा जाता है ! गाना - "ये रात भीगी-भीगी ..." जो अभी तक लता जी के स्वर में ही सुना था, वही गाना गीता दत्त की आवाज़ में सुना तो मन बंध कर रह गया, न जाने कितनी बार सुन लिया लेकिन मन नहीं भरा ! थोड़ी और खोज की तो उनके गाये दो और दुर्लभ गीत मिले जिन्हें हमने वैसे तो कई बार सुना है लेकिन गीता जी की आवाज़ में पहली बार सुना !
आप भी सुनिये -
1-Song - Ye raat bhigi bhigi 
Film - Chori-Chori [1956]
Music - Shankar Jaikishan
Lyrics - Shailendra
Singers - Bhushan and Geeta Dutt
[फिल्म के लिए लिया गया यही गीत लता और मन्ना डे ने गाया है]
2- Song - Panchhi Banu Udati Phirun
'पंछी बनू उड़ती फिरूँ मस्त गगन में' गाना इसी फिल्म चोरी -चोरी से  है जिसका लोकप्रिय संस्करण हमने अब तक लता की आवाज़ में ही सुना है ! गीता के मंत्रमुग्ध कर देने वाली गायकी से रूबरू होना है तो इसे भी एक बार सुनें :

 Both Songs are in this Video Clip.
=============================================================  

Wednesday 18 December 2013

अभिनेता नाना पाटेकर : [नायक/नायिकाओं द्वारा गाये गाने -15]

नायक/नायिकाओं द्वारा गाये गाने -15

Actor Nana Patekar As a Singer
--------------------------------------------------------------------------
अभिनेता नाना पाटेकर को उनके बेजोड़  अभिनय और दमदार संवादों के लिए जाना जाता है ! कुछ गीतों में उन्होंने संवाद बोले या एक -दो पंक्तियाँ गाई भी हैं ! आज जो गाना हम सुनाने  जा रहे हैं वह पूरा उनका गाया गीत है जो उन्हीं पर फिल्माया भी गया है !

- गीत -
सुन मोरी रानी तोहरी जवानी ,
बाकी दुनिया पानी पानी
Sun Mori Rani Tohri Jawani
Baaki Duniya Paani Paani 

Singers - Nana Patekar,Poonam Jawer
 Film - Aanch [2003]
Lyrics - Pooja Shree
Music - Darshan Rathod, Sanjeev Rathod

==============================================

Tuesday 17 December 2013

आज तू गैर सही, प्यार से बैर सही : [Copied or Inspired Song - 21]

Copied or Inspired By Other Song [21]
------------------------------------------------------------

1983 में रिलीज हुयी पाकिस्तानी फ़िल्म- 'दहलीज़' में एक गाना था- 'आज तू गैर सही' , सईद नूर के लिखे इस गीत को कमाल अहमद के संगीत निर्देशन में गायक मेहदी हसन ने गाया था ! उसके तीन वर्ष बाद ही 1986 में भारत में फ़िल्म- 'ऊंचे लोग' आयी, जिसमें पाकिस्तान के इसी गाने को हूबहू तर्ज़ और अल्फ़ाज़ों के साथ शामिल किया गया ! आर डी बर्मन के संगीत निर्देशन में इस गाने को किशोर कुमार ने गाया था ! आईये आज 'ओरिजिनल' और 'कॉपी' हुए दोनों गानों को सुनते हैं :

[Original Song]
--------------------------------------------- 
पाकिस्तानी फ़िल्म 'दहलीज़' का गाना :
आज तू गैर सही,  प्यार से बैर सही
तेरी आँखों में कोई प्यार का पैगाम नहीं
तुझको अपना न बनाया तो मेरा नाम नहीं 

- Song - 
Aaj Tu Gair Sahi, Pyar Se Bair Sahi
Teri Aankho Men Koyi Pyar Ka Paigam Nahi
Tujhko Apna Na Banaya To Mera Naam Nahi 

Singer : Mehdi Hassan.
Pakistani Movie : Dehleez (1983)
Music Composer : Kamal Ahmed
Lyrics : Syed Noor
Actor : Nadeem
==============================================

[Copied / Inspired Song]
------------------------------------------------------------------------
Hindi Film 'Oonche Log' is a Copy of Pakistani film 'Dahleez'

आज तू गैर सही,  प्यार से बैर सही.....
Film : Oonche Log [1986]
Music : R.D. Burman
Singer : Kishore Kumar
Actor : Rajesh Khanna

===============================================

Monday 16 December 2013

जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं : मन्ना डे की आवाज़ में दुर्लभ गीत [17]

हिंदी सिनेमा के दुर्लभ गाने - [17] 
----------------------------------------------

स गीत को आपने रफ़ी की आवाज़ में बहुत बार सुना होगा ! 

ज हम आप को यही गीत, जो पहले मन्ना डे के स्वर में रिकॉर्ड हुआ था, मगर फिल्म के नायक गुरुदत्त पर आवाज़ सूट न कर पाने के कारण गीत को रफ़ी की आवाज़ में रिकॉर्ड किया गया ! साहिर के लिखे इस गीत की ख़ास बात थी की 50 के दशक में ऐसा क्रांतिकारी गीत लिखने का कोई तो कारण रहा होगा, जिसने कवि की लेखनी को मजबूर कर दिया, लोग बताते हैं कि तत्कालीन सरकार ने इस गीत पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की थी और उस साल प्यासा फिल्म को बेहतरीन होने के बावजूद कोई पुरस्कार नहीं मिल पाया ! साहिर के लिखे इस गीत में लिखे शब्द सच्चाई बयां कर रहे हैं :
ये कूचे, ये नीलाम घर दिलकशी के, ये लुटते हुए कारवां ज़िंदगी के
कहाँ हैं, कहाँ हैं मुहाफ़िज़ खुदी के, जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं,
कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं

ये पुरपेंच गलियां, ये बदनाम बाज़ार, ये गुमनाम राही, ये सिक्कों की झनकार,
ये इसमत के सौदे, ये सौदों पे तकरार, जिन्हे नाज़ है …
ये सदियों से बेखौफ़ सहमी सी गलियां, ये मसली हुई अधखिली ज़र्द कलियां
ये बिकती हुई खोखली रंगरलियाँ, जिन्हे नाज़ है …

वो उजले दरीचों में पायल की छन-छन, थकी हारी सांसों पे तबले की धन-धन
ये बेरूह कमरों मे खांसी की ठन-ठन, जिन्हे नाज़ है …
ये फूलों के गजरे, ये पीकों के छींटे, ये बेबाक नज़रे, ये गुस्ताख फ़िक़रे
ये ढलके बदन और ये बीमार चेहरे, जिन्हे नाज़ है …
यहाँ पीर भी आ चुके हैं, जवां भी, तन-ओ-मन्द बेटे भी,अब्बा मियाँ भी
ये बीवी है और बहन है, माँ है,, जिन्हे नाज़ है …

मदद चाहती है ये हव्वा की बेटी, यशोदा की हम्जिन्स राधा की बेटी
पयम्बर की उम्मत ज़ुलेखा की बेटी, ज़रा इस मुल्क के रहबरों को बुलाओ,
ये कूचे ये गलियां ये मंज़र दिखाओ, जिन्हें नाज़ है हिन्द पर उनको लाओ,
जिन्हे नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं, कहाँ हैं…

कवि - साहिर लुधियानवी
फिल्म - प्यासा [1957]
संगीतकार - सचिनदेव बर्मन
स्वर - मन्ना डे 
===============================================