Friday 27 September 2013

गायक मुकेश - [गायकों का पहला / आखिरी गाना-3]

जन्म :  22 जुलाई 1923 
मृत्यु :  27 अगस्त 1976 

Singer Mukesh : First / Last Song 
1941 में प्रदर्शित फ़िल्म 'निर्दोष' का गीत - 'दिल ही बुझा हुआ हो तो फासले बहार क्या...'  मुकेश जी का गाया हुआ पहला गीत था ! मुकेश जी इस फिल्म के नायक थे, यह गीत उन्ही पर फिल्माया गया था ! 

NOTE : The generaly acclaimed first song of Mukesh "dil jalta hay to jalnay de" is from 1945 movie Pehli Nazar. You may call that his first famous song but not his first ever recording. 

Film - Nirdosh (1941) 
Cast - Mukesh, Nalini Jayant, Kanhaiya Lal, Agha 
Produced By - National ST. 
Directed By - Virendra Desayi 
Music By - Ashok Ghosh
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1945 में प्रदर्शित फ़िल्म 'पहली नजर' का गीत 'दिल जलता है तो जलने दे …'  पार्श्व गायक के रूप में मुकेश जी का पहला गाना था और यह अभिनेता मोतीलाल जी पर फिल्माया गया था ! 
Film - Pehli Nazar (1948) 
Music - Anil Biswas
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फ़िल्म 'सत्यम शिवम् सुन्दरम' (1978) में गाया हुआ गीत - 'चंचल शीतल निर्मल कोमल, संगीत की देवी स्वर सजनी' गायक मुकेश के जीवन का आखिरो गाना साबित हुआ ! यह गाना मुकेश जी के निधन के पश्चात रिलीज हुआ था ! 

Movie - Satyam Shivam Sundaram (1978) 
Cast - Shashi Kapoor, Zeenat Aman 
Music - Laxmikant Pyarelal 
Director - Raj Kapoor
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गायक मोहम्मद रफ़ी - [गायकों का पहला / आखिरी गाना-2]

जन्म : 24 दिसम्बर 1924
मृत्यु : 31 जुलाई 1980 

Mohammad Rafi : First / Last Song 
मोहम्मद रफ़ी जी ने शास्त्रीय संगीत की तालीम उस्ताद बड़े गुलाम अली खाँ, उस्ताद अब्दुल वाहिद खाँ, पंडित जीवन लाल मट्टू और फ़िरोज़ निजामी से हासिल की ! रफ़ी साहब जब 13 साल के थे, तब लाहौर में के.एल.सहगल के कार्यक्रम में पहली बार अपनी गायन प्रतिभा को दर्शकों के समक्ष रखा !  वहीँ उस समय के प्रसिद्द संगीतकार श्याम सुन्दर भी उपस्थित थे, वो रफ़ी की आवाज़ से बहुत प्रभावित हुए और रफ़ी को गाने का प्रस्ताव दिया ! 

मोहम्मद रफ़ी ने अपना पहला गीत - 'सोणिए नी, हीरिए नी …' श्याम सुंदर के संगीत निर्देशन में फ़िल्म गुल बलोच (1944) के लिए गाया ! मोहम्मद रफ़ी ने बम्बई आने का फैसला किया। उन्हें संगीतकार नौशाद ने फ़िल्म 'पहले आप' (1944) में गाने का मौका दिया। 

[Rafi's first song with Naushad was 'Hindustan Ke Hum Hain' with Shyam Kumar, Alauddin and others,from A.R.Kardar's Pehle Aap (1944). Around the same time, Rafi recorded another song for the 1945 film Gaon Ki Gori, 'Aji Dil Ho Kaaboo Mein'. He considered this song his first Hindi language song.]

हिन्दुस्तान के हम हैं हिंदुस्तान हमारा 
हिन्दू मुस्लिम दोनों की आँखों का तारा
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रफ़ी साहब ने आखिरी गाना गीतकार आनंद बख्शी और संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल 
के संगीत निर्देशन में फ़िल्म 'आस पास' (1981) के लिए गाया था -

'शाम फिर क्यूँ उदास है दोस्त, तू कहीं आस पास है दोस्त 
महकी महकी फिजां ये कहती है, तू कहीं आस पास है दोस्त'
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Thursday 26 September 2013

गायिका गीता दत्त - [गायकों का पहला / आखिरी गाना-1]

Geeta Dutt : First / Last Song
गीता दत्त को 1946 में 'फिल्म- भक्त प्रहलाद' में एक कोरस में कुछ पंक्तियाँ गाने को मिलीं !  सचिन देव बर्मन ने उन्हें पहला ब्रेक 'फिल्म- मेरा भाई' में दिया !  उनका गाया पहला सोलो गीत -'मेरा सुन्दर सपना बीत गया' सुपर डुपर हिट हुआ और उन्हें रातों रात देश भर में पहचान मिल गयी ! 
Movie - Do Bhai 
Singer- Geeta Dutt
Lyrics - Raja Mehdi Ali Khan
Music - Sachin Dev Burman
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गीता दत्त की मृत्यु 1972 में हुई ! इसी साल उन्होंने आखिरी गीत सुबीर सेन की 'फिल्म मिड नाईट' के लिए गाया था,  जो रिलीज़ नहीं हुआ. 
Song - Teri Yaad Men Sajan O Sajan 
Film - Midnight (1972) Unreleased
Music - Subir Sen
Lyrics - Shaili Shalendra
Director - Raju. 
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1971 में उनका रिकार्डेड और रिलीज़ हुआ गीत- 'फिल्म- अनुभव' का 'मेरी जान मुझे जान न कहो'  उनका आखिरी गीत माना जाता है !  इस गीत के संगीत निर्देशक कन्नू रॉय का कहना था कि  जिस वक़्त यह गीत रिकॉर्ड हुआ वे हस्पताल में थीं, काफी बीमार थीं, उनका इलाज चल रहा था !
Movie - Anubhav (1971)
Music - Kanu Roy
Cast - Sanjeev Kumar and Tanuja. 
Movie Directed by Basu Bhattacharya
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'फिल्म मिड नाईट' के लिए ही उनका युगल गीत तलत महमूद के साथ रिकॉर्ड हुआ था जो 1983 में रिलीज़ हो सका था !  यह उनका आखिरी युगल गीत कहा जाता है !
'तुम सा मीत मिला ...' 
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फ़िल्म शोले में गब्बर का किरदार

[अनोखी और दिलचस्प जानकारी - 12]
 
हिंदी सिनेमा की सबसे बड़ी सुपर हिट फिल्म शोले की लोकप्रियता में अमजद खान यानी गब्बर सिंह का बहुत बड़ा रोल रहा था ! लेकिन क्या आपको मालुम है की जब फिल्म शोले की स्टार कास्टिंग की गयी थी तब अमजद खान का कहीं नाम ही नहीं था ! सारे पात्रों का चयन हो चुका था और प्रेस शो में शोले फिल्म की एनाउंसमेंट कर दी गयी थी ! गब्बर सिंह की भूमिका डैनी डेन्जोंगपा करने वाले थे ! 

फिर ऐसा क्या हुआ कि अचानक अमजद खान फ़िल्म में शामिल हो गए ? 

दरअसल हुआ यूँ कि शोले की शूटिंग शुरू होने में कुछ देर थी और उधर डैनी को फिरोज खान की फिल्म धर्मात्मा की शूटिंग के लिए अफगानिस्तान जाना था … वहां से फिरोज खान बराबर फोन कर रहे थे कि जल्दी आओ तुम्हारे कारण शूटिंग रुकी पड़ी है। डैनी धर्म संकट में पड़ गए …. उन्हें जाना पड़ा और इधर फ़िल्म शोले का सेट तैयार हो चुका था  !

बस !!!
स्क्रिप्ट राईटर सलीम-जावेद ने आनन-फानन में अमजद खान का चयन किया और बन गया इतिहास …. और गब्बर सिंह का किरदार अमर हो गया !

आप चित्र में देख सकते हैं कि फ़िल्म शोले के एनाउंसमेंट के समय 
धर्मेन्द्र और रमेश शिप्पी के बीच में डैनी खड़े हैं
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Tuesday 24 September 2013

रफ़ी साहब एक संगीतकार के रूप में

[अनोखी और दिलचस्प जानकारी - 11] 

Mohammad Rafi as a Music Director

गायक मोहम्मद रफ़ी साहब ने आठ गैर फ़िल्मी गीतों का संगीत दिया था ! एक संगीतकार के रूप में उन्हें बहुत ही कम लोग जानते हैं ! जिन आठ गीतों का संगीत उन्होंने स्वयं दिया, वे इस प्रकार हैं :

गीतकार - मोहिंदर सिंह बेदी 
गायक व् संगीतकार - मोहम्मद रफ़ी 
1- घटा है बाग़ में 
2- उठा सुराही ये शीशा ले 
3- चले आ रहे हैं वो जुल्फें बिखेरे 
4- खुदा ही जाने यार आये न आये 

गीतकार - हसरत जयपुरी 
गायक व् संगीतकार - मोहम्मद रफ़ी 
1- दुल्हन का इश्क है 
2- घर से डोला चला लाडली का 

गीतकार - शबाब मीनाई 
गायक व् संगीतकार - मोहम्मद रफ़ी 
1- मैं सुनाता हूँ सच्ची ... 
2- हकीक़त मोमिनो रमजान की 

रफ़ी साहब की आवाज़ और उन्हीं के संगीतबद्ध गीत सुनिये-- 

Song - Chale Aa Rahe Hain Wo Julfen Bikhere ... 
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Song - Dulhan Ka Ishq Hai, Dulhe Ka Pyar Sehra Hai ... 
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Song - Ghata Hai Baag Hai Mae Hai ... 
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Song - Khuda Hi Jaane Yaar Aaye Na Aaye.... 
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